महाशिवरात्रि पर कहीं होगा भोले का श्रृंगार तो कहीं से निकलेगी बारात

- सभा में आए लोगों ने दिवंगत संगीतकार की यादों को किया साझा
लखनऊ। वरिष्ठ पखावज वादक दिनेश प्रसाद की स्मृति में गुरुवार को कैसरबाग स्थित कार्यालय में श्रद्धांजलि श्रद्धाजंलि सभा हुई। सभा में उनकी तस्वीर के नीचे जलती हुई मोमबत्तियों को रखकर भावना प्रकट की गई। साथ उनकी याद में पखावज को प्रतीक के रूप में रखा गया था।
सभा में उनकी पत्नी कमलेश और बेटियां सहित कई लोग दुखी मन से उनकी यादों के साथ शामिल हुए। उनके बेटे, पीयूष ने अपने पिता के बारे में नर्म दिल से बताया कि कैसे वह एक संगीतकार होने के साथ-साथ एक घरेलू व्यक्ति भी थे। इस अवसर पर उनके कुछ सहयोगी भी मौजूद थे, जिनमें उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी कथक केंद्र के शहनवाज थे, जिन्होंने उनके साथ एक दशक से अधिक समय तक काम किया। उनके हंसमुख स्वभाव और उनकी कला के प्रति समर्पण की यादों को साझा किया।
संगीतकार और उनके मित्रों में -तबले पर इलियास हुसैन खान, सारंगी पर जीशान और पखावज पर उनके छात्र आदित्य द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक छोटा सा प्रदर्शन आयोजित किया गया था। उनके छात्रों ने एक गुरु के रूप में उनके उदार और शांत स्वभाव के बारे में बात की। सनतकदा की संस्थापक माधवी कुकरेजा और अस्करी नकवी ने बताया कि उनकी याद में स्मारक बनाएंगे। एमएसएलएफ से प्रसाद जी के परिवार को वित्तीय सहायता का एक छोटा सा टोकन भी दिया गया।