अदानी ग्रुप की याचिका मामले में नियामक आयोग ने पॉवर कॉरपोरेशन से मांगी वित्तीय रिपोर्ट

- उप्र राज्य उपभोक्ता परिषद अदानी ग्रुप का कर रहा विरोध, पॉवर कॉरपोरेशन है मौन
लखनऊ। नोएडा-गाजियाबाद के बिजली वितरण का काम लेने के लिए अदानी ग्रुप की याचिका पर सुनवाई कर रही विद्युत नियामक आयोग ने पावर कॉरपोरेशन से नोएडा और गाजियाबाद क्षेत्र के वित्तीय और तकनीकी पैरामीटर पर रिपोर्ट मांगी है। इससे आयोग यह पता करेगा कि उस क्षेत्र में वितरण लाइसेंस लेने के लिए किसी भी कंपनी की हैसियत क्या होनी चाहिए।
उधर उपभोक्ता परिषद ने पॉवर कॉरपोरेशन की चुप्पी पर हैरानी जताई है। विद्युत नियामक आयोग ने अदानी ग्रुप की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। विद्युत नियामक आयोग इस बात की तहकीकात में लगा है कि अडानी की नेट वर्थ जो याचिका में दिखाई गई है,उसकी सच्चाई क्या है। वास्तव में उसकी हैसियत पता लगाने में लगा है। अदानी ग्रुप द्वारा कहा गया है कि वह समानांतर वितरण लाइसेंस पर 4800 करोड़ रुपये खर्च करेगा। विद्युत नियामक आयोग जानना चाहता है कि अदानी ग्रुप यह रकम खर्च कर पाएगा।
वहीं दूसरी और उपभोक्ता परिषद ने एलान कर दिया है कि गुरुवार को जहां उपभोक्ता परिषद आगरा में भी बिजली दर सुनवाई में अदानी ग्रुप की याचिका का विरोध करेगा। वहीं 28 अप्रैल को नोएडा में भी बिजली दर की सुनवाई में अदानी की याचिका की खुलकर विरोध किया जाएगा। किसी भी हालत में अदानी ग्रुप की याचिका को स्वीकार नहीं होने दिया जाएगा, क्योंकि यही याचिका नियम विरुद्ध है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि अदानी ग्रुप कि याचिका कानूनन स्वीकार करने योग्य नहीं है। इसके बारे में उपभोक्ता परिषद द्वारा नियामक आयोग की स्वीकार्यता की सुनवाई में सभी बिंदुओं को उठा चुका है। अदानी ग्रुप की याचिका भारत सरकार की अधिसूचना के विपरीत है। ऐसे में उसे खारिज होना ही है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि पॉवर कॉरपोरेशन इस पूरे मामले पर चुप्पी क्यों साधे हुआ है।