पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोगतुई गांव में बच्चों और महिलाओं समेत आठ लोगों के जल कर मरने की घटना सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल में बुधवार को सियासी माहौल गरमा गया। कई राजनीतिक दल के नेता घटनास्थल पर पहुंचे। इसी बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी गुरुवार को बीरभूम का दौरा किया। उनके स्वागत में पार्टी कार्यकर्ताओं ने तोरण द्वार लगाए हैं, जिसकी काफी निंदा हो रही है। भाजपा ने तो यहां तक पूछा कि आप शोक मनाने जा रही हैं या जश्न मनाने?
बंगाल बीजेपी ने अपने एक ट्वीट में लिखा, ”महिलाओं और बच्चों को जलाकर मार डाला गया है, लेकिन प्रशासन जांच के बजाय ममता के स्वागत के लिए होर्डिंग लगा रहा है। सबसे बड़े नरसंहार के मुकदमे के बजाय खुद को बढ़ावा देना! हमें बेशर्म पुलिस मंत्री का इस्तीफा चाहिए।”
वहीं, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, ”बीरभूम के रामपुरहाट में स्थानीय टीएमसी इकाई एक बेशर्म ममता बनर्जी के स्वागत के लिए तैयार है। माना जाता है कि वह उस भीषण नरसंहार का जायजा लेने के लिए दौरा कर रही हैं, जिसमें उनके शासन के करीबी लोगों ने कई महिलाओं और बच्चों को जिंदा जला दिया था। यह क्रूर, अमानवीय है।”
क्या कहा ममता ने?
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बीरभूम हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपये का चेक सौंपा। प्रभावित घरों के पुनर्निर्माण के लिए 2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने भी भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि आग में मरने वाले 10 लोगों के परिवारों को नौकरी और 5 लाख रुपये दिए जाएंगे।
The local TMC unit in Birbhum’s Rampurhat is all decked up to welcome a remorseless Mamata Banerjee. She is supposedly visiting to take stock of the ghastly massacre, in which several women and children were burnt alive by those close to her regime. This is cruel, inhuman… pic.twitter.com/jF6GuXObu7
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 24, 2022
कार्रवाई का चौतरफा आदेश
ममता सरकार के साथ तनातनी के लिए सुर्खियों में रहने वाले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री को एक संदेश में जल्द से जल्द कार्रवाई कर राज्य में लोकतंत्र और मानवाधिकार के मुल्यों को पुनर्स्थापित करने के लिए कहा। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने जिला पुलिस अधीक्षक से तीन दिन के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है। न्यायिक मोर्चे पर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को गुरुवार को केस डायरी पेश करने के लिए कहा है।
अब तक 22 गिरफ्तार
पुलिस ने कहा कि मामले से संबंधित 22 गिरफ्तारियां की गई हैं। साथ ही दो प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। पहली प्राथमिकी तृणमूल कांग्रेस पंचायत पदाधिकारी की हत्या पर जिसके कारण कथित तौर पर हिंसा भड़की। दूसरी प्राथमिकी घरों और लोगों को आग के हवाले करने के मामले में दर्ज की गई है।