ग्रेटर नोएडा में सरकार के अधिग्रहित भूमि पर बन गया स्कूल

- हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा को दिया निर्देश
- कहा- स्कूल के मान्यता की जांच कराकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ करें कार्रवाई
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा उप्र लखनऊ को ग्रेटर नोएडा गौतमबुद्धनगर द्वारा अधिगृहीत भूमि पर स्कूल की मान्यता देने की जांच कराकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जिस अधिकारी ने स्कूल को मान्यता दी थी, उसका पता लगाकर जवाबदेह अधिकारी पर ऐक्शन हो।
कोर्ट ने अधिग्रहण की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर हस्तक्षेप करने से भी इंकार कर दिया है और याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की खंडपीठ ने मनोज व अन्य की याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि उसकी जमीन के आसपास आबादी की जमीन है, जिसे सरकार ने अधिगृहीत नहीं किया और याची की जमीन अधिग्रहीत कर भेदभाव किया गया है।
प्राधिकरण की तरफ से कहा गया कि अधिग्रहण 2005-06 में किया गया था। स्कूल का निर्माण 2012 में किया गया और 2016 में स्कूल को मान्यता दी गई। अधिग्रहण के समय याची की 250 वर्गमीटर जमीन पर निर्माण था। उसका अधिग्रहण नहीं किया गया। शेष जमीन 0.800 हेक्टेयर खाली थी। उसका अधिग्रहण किया गया है। स्कूल अवैध रूप से अधिगृहीत भूमि पर कब्जा कर बनाया गया है। कोर्ट का कहना था कि जब याची की जमीन अधिग्रहीत कर ली गई थी तो उसी जमीन पर बाद में स्कूल का निर्माण तथा अधिग्रहित जमीन पर बने स्कूल को मान्यता कैसे दे दी गई।