लोकसभा चुनाव तक चलाएं बूथ केन्द्रित अभियान : सुनील बंसल
लखनऊ। भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल ने कहा है कि लोकसभा 2024 चुनाव की तैयारियों के लिए अभी से बूथ केन्द्रित अभियान चलाना होगा। लखनऊ लोकसभा के बूथ सशक्तिकरण अभियान बैठक को संबोधित करते हुए रविवार को सुनील बंसल ने कहा कि पिछले चुनावों में प्राप्त मतों के आधार पर बूथों का ए, बी व सी कैटेगरी में वर्गीकरण करना है। प्रदेश में कुल 1,74,203 बूथ हैं, जिन पर डेढ़ लाख से अधिक बूथों पर भाजपा मजबूत स्थिति में है। इनमें ए कैटेगरी बूथ जिन पर पार्टी निरंतर विजय प्राप्त करती रही हैं और बी कैटेगरी जिन पर कभी जीते हैं और हारे भी हैं।
इसी तरह, सी कैटेगरी जिन पर भाजपा कभी चुनाव नहीं जीती है, ऐसे भी लगभग 25000 बूथ हैं। हमें ऐसे बूथों को चयनित करते हुए उन बूथों को भी मजबूत करने के लिए लोकसभा चुनाव तक निरंतर कार्य करते हुए उसको जीतने के लिए अभियान चलाना है। यह अभियान जनप्रतिनिधि केंद्रित अभियान रहेगा, जो सांसद व विधायकों के नेतृत्व में चलाया जाएगा।
सीतापुर रोड सेवा परिसर स्थित ब्रज की रसोई कम्युनिटी हॉल में आयोजित बूथ सशक्तिकरण बैठक में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला, महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा, क्षेत्रीय अध्यक्ष शेष नारायण मिश्रा, विधायक आशुतोष टंडन, डॉ नीरज बोरा पूर्व विधायक सुरेश चंद्र तिवारी व अभियान प्रमुख नगर महामंत्री पुष्कर शुक्ला, रामअवतार कनौजिया मुख्य रूप से उपस्थित रहे। बैठक के प्रथम सत्र के उपरांत लोकसभा व विधानसभा स्तर पर बनाई गई टोली के साथ बैठकर कमजोर बूथों को चयनित करने का कार्य किया और उन पर कार्य करने हेतु वरिष्ठ व अनुभवी कार्यकर्ताओं की टोली बनाई गई। यह टोली सांसद और विधायकों के नेतृत्व में बूथों को मजबूत बनाने का कार्य करेगी।
लखनऊ लोकसभा में सुधांशु त्रिवेदी करेंगे संवाद
लखनऊ से राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी प्रत्येक विधानसभा में 20 बूथों पर वहां के लोगों से जनसंपर्क कर संवाद करेंगे और बूथ को सशक्त करने के माध्यम को समझ कर बूथ को मजबूती प्रदान करेंगे। इसलिए 15 से 30 जून तक चलने वाले इस अभियान में सभी कार्यकर्ताओं की सौ फीसदी भागीदारी होगी। जुलाई में लाभार्थियों से संपर्क अभियान चलाया जाएगा क्योंकि 10 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी हैं । सुनील बंसल ने बीते विधानसभा और विधान परिषद चुनाव का फीडबैक लिया। इसके साथ आगामी दिनों में होने वाले कार्यक्रमों और संगठन की संरचना को और अधिक मजबूत बनाने पर बल दिया गया।