उप्र विधान सभा के सदस्यों को मिलेगा उत्कृष्ट विधायक पुस्कार
- पीठासीन अधिकारी सम्मेलन से वापस लौटे विधान सभा अध्यक्ष ने की घोषणा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा में उत्कृष्ट विधायक का पुरस्कार दिए जाने की शुरुआत होगी। विधायकों के उनके क्षेत्र में कार्य, जनता से लेकर सदन तक उनके व्यवहार समेत तमाम चीजों का आकलन करते हुए विधायकों को पुरस्कृत किया जाएगा।
जयपुर में 10-12 जनवरी को संपन्न हुए 83वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में शामिल होने के बाद लखनऊ वापस लौटने पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता कर बताया कि प्रश्नकाल स्थगित होने को लेकर सम्मेलन में चिंता व्यक्त की गई। परन्तु यूपी विधानसभा के पहले तीन सत्रों में प्रश्नकाल एक बार भी स्थगित न होने पर सम्मेलन में इसे सराहा भी गया।
विधान सभा अध्यक्ष ने बताया कि नए सत्र से उत्तर प्रदेश की विधानसभा में ‘उत्कृष्ट विधायक’ पुरस्कार देने की शुरुआत होगी। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। जो विधायक के आचार व्यवहार, क्रिया कलाप और उसके भाषणों इत्यादि पर विचार करके उसे पुरस्कृत करने का काम करेगी। ‘उत्कृष्ट विधायक’ का चयन करके उनकी तस्वीर भी विधानसभा परिसर में लगाई जाएगी।
महाना ने बताया कि अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में संवैधानिक उपबंधों, विधायी क्रियाओं और प्रक्रियाओं में सभी वर्गों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं की शिक्षा के लिए समस्त संभव उपायों को करने का संकल्प लिया गया। विधान मण्डल के शक्ति केन्द्र के रूप में समितियों की भूमिका को मान्यता देते हुए, सभी विधायी निकायों की समिति प्रणाली को सशक्त करने के लिए सार्थक कदम उठाने पर भी विचार विमर्श किया गया।
सम्मेलन में विधानसभा कार्यवाही को अधिक से अधिक चलाने पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो यूपी विधानसभा को रात 12 बजे तक भी संचालित किया जाएगा। विधानमंडलों की वित्तीय स्वायत्तता की प्राप्ति के मामले में एआईपीओसी को राज्य सरकार के साथ व्यापक विचार विमर्श के लिए अधिकृत किया गया। इसके अलावा पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में संकल्प लिया गया कि विधायी निकाय वृहत दक्षता, पारदर्शिता और परस्पर जुडाव के हित में विधायी निकायों के लिए राष्ट्रीय डिजिटल ग्रिड में सम्मिलित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएगें।
महाना ने बताया कि यूपी विधानसभा के प्रति जो वर्षों पुरानी एक धारणा बनी थी, उसमें अब बदलाव होता दिख रहा है। सम्मेलन में यूपी के विधायकों की योग्यता के बारे में बताया गया। साथ ही अलग-अलग विधायक समूहों के साथ हुई बैठकों के साथ ही सम्मेलन में उपस्थिति सभी प्रतिनिधियों ने इस बदलाव को सराहा। इससे पूरे देश की विधानसभाओं में एक संदेश गया। उन्होंने कहा कि अब यूपी विधानसभा की पूरी देश में चर्चा हो रही है जो प्रदेश की जनता के लिए गर्व की बात कही जाएगी।
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतान्त्रिक व्यवस्था प्रतिस्पर्धा की जगह सहयोग की भावना दिखनी चाहिए, चारों स्तम्भों को एक साथ मिलकर लोकतन्त्र को मजबूत करना चाहिए। लोकतंत्र में सबको मिलकर काम करना चाहिए।