पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की गैंगस्टर एक्ट मामले में जमानत अर्जी खारिज

मऊ। सदर के पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मुसीबतें कम होने के नाम नहीं ले रही है। प्रशासन ने उनके खिलाफ जानकारी इकट्ठा कर जहां कई गम्भीर मुकदमे दर्ज किए हैं। वही न्यायालय में भी उनके ऊपर दर्ज मुकदमों में राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। शुक्रवार को प्रभारी विशेष न्यायाधीश गैंगेस्टर एक्ट दिनेश कुमार चौरसिया ने विधायक निधि के दुरूपयोग मामले को आधार बनाकर दर्ज किए गए गैंगेस्टर एक्ट के मामले में पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
प्रभारी विशेष न्यायाधीश ने यह आदेश बचाव पक्ष और विशेष लोक अभियोजक के के सिंह के तर्कों को सुनने तथा केस डायरी का अवलोकन करने के बाद पारित किया। विशेष न्यायाधीश श्री चौरसिया ने अपने आदेश में लिखा कि मुख्तार अंसारी पर नौ गैंगेस्टर के मामले दर्ज हैं तथा उनके विरुद्ध 58 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। जो मऊ जनपद के अलावा अन्य जनपदों में है। अभियुक्त का काफी लंबा आपराधिक इतिहास है। जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। मामला सरायलखंसी थाना क्षेत्र का है।
अभियोजन के अनुसार पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के विधायक निधि का दुरुपयोग करने के मामले में सरायलखंसी थाना में जांच के बाद एफआईआर दर्ज हुआ था। इसमें मुख्तार अंसारी सहित कई लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसी मामले को आधार बनाकर प्रभारी निरीक्षक सरायलखंसी केके गुप्ता की तहरीर पर मुख्तार अंसारी व अन्य लोगों के विरुद्ध सरायलखंसी थाने में गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ था। मामले की विवेचना की विवेचना चल रही है। इस मामले में आरोपित पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की ओर से जमानत के लिए अर्जी दी गई थी। अर्जी पर मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दारोगा सिंह और विशेष लोक अभियोजक केएस सिंह के तर्कों को सुनने तथा केस डायरी का अवलोकन करने के बाद विशेष न्यायाधीश ने जमानत अर्जी खारिज कर दिया। न्यायाधीश के इस फैसले पर उनके समर्थकों को तगड़ा झटका लगा है।