छठे चरण में सपा के दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर, राम गोविंद चौधरी, स्वामी प्रसाद और माता प्रसाद के सामने है गढ़ बचाने की चुनौती
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दो चरण बचे हैं और अब मुकाबला पूर्वांचल में आकर सिमट गया है. छठे चरण के लिए तीन मार्च को मतदान होगा और इसके बाद सातवां चरण सात मार्च होगा. वहीं छठे चरण में कई दिग्गज मैदान में हैं. इस चरण में बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य प्रमुख हैं. वहीं माता प्रसाद की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है जबकि समाजवादी पार्टी के टिकट पर ही बासडीह सीट पर राम गोविंद चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं. राज्य में हो रहे चुनाव के परिणाम दस मार्च को घोषित किए जाएंगे.
दरअसल कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से बीजेपी से एसपी में आए स्वामी प्रसाद मौर्य चुनाव लड़ रहे हैं और वह 2012 और 2017 में पडरौना सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं. लेकिन बार उन्होंने अपनी सीट बदल ली है, मौर्य पहली बार बीएसपी और दूसरी बार बीजेपी के टिकट पर विधायक बन हैं. फाजिलनगर सीट पर 2012 और 2017 में बीजेपी का कब्जा था. लिहाजा अब यहां पर मुकाबला मजबूत माना जा रहा है. वहीं जिले की सोहरतगढ़ की इटावा विधानसभा सीट एसपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है. क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष रहे माता प्रसाद पांडेय ने 2002 से 2012 तक लगातार तीन बार जीत दर्ज की. लेकिन 2017 के विधानसभा में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और उन्हें सतीश चंद्र द्विवेदी ने हराया. इस बार भी दोनों नेता आमने सामने हैं.
अंबेडकर नगर की चार सीटें अहम
इसके साथ ही अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट को बीएसपी का गढ़ माना है और यहां से पांच बार बीएसपी और एक बार एसपी ने चुनाव जीता है. वहीं इस सीट पर 1991 में बीजेपी जीती थी. बीएसपी से पिछला चुनाव जीतने वाले लालजी वर्मा इस बार समाजवादी पार्टी में हैं. वहीं अगर टांडा सीट की करें तो बीजेपी ने साल 2017 में पहली बार जीत दर्ज की थी और इससे पहले 1993 से 2007 तक चार बार इस सीट पर बीएसपी जीती थी. इसके साथ ही अकबरपुर सीट भी पांच बार बीएसपी ने जीती थी. लिहाजा बीएसपी के लिए इन पांचों सीटों को अहम माना जा रहा है.
बलिया के रसड़ा सीट पर बीजेपी की राह आसान नहीं
पूर्वांचल में आने वाले बलिया जिले की रसड़ा विधानसभा सीट से बीएसपी के उमा शंकर लगातार दो बार से लगातार चुनाव जीत रहे हैं. यहां पर बीजेपी के लिए चुनौती कम नहीं है. वहीं बलिया की सिकंदरपुर सीट भी बीजेपी का मुकाबला एसपी के साथ है. इस सीट पर केवल एक बार बीजेपी ने 2017 में जीत दर्ज की थी. जबकि इससे पहले एसपी तीन बार इस सीट पर जीत दर्ज कर चुकी है. इसके साथ ही एसपी नेता राम गोविंद चौधरी वर्ष 2012 से लेकर 2017 तक लगातार दो बार बलिया के बांसडीह से चुनाव जीत रहे हैं जबकि इस सीट पर बीजेपी 1974 के बाद कभी जीत दर्ज नहीं कर सकी है.