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Umesh Pal Case: सद्दाम के गुर्गे को पुलिस ने 25000 रुपये लेकर छोड़ा, गिरफ्तारी के बाद उगल रहा सच

प्रयागराज:उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या में पुलिस ने माफिया अतीक अहमद, उसके भाई सहित अन्य बदमाशों को आरोपी बनाया है. अतीक का भाई अशरफ बरेली जेल में 2 साल से बंद है. अशरफ का साला सद्दाम पर भी पुलिस ने केस दर्ज किया है. आरोप है कि सद्दाम ने अशरफ को जेल में गैरकानूनी तरीके से मुलाकात और अन्य सुविधाएं पहुंचाई हैं. सद्दाम अभी भी फरार चल रहा है. इस बीच पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं. सद्दाम का बहुत ही करीबी गुर्गा फरहद इज्जत नगर पुलिस की पोल खोल रहा है.

जानकारी के मुताबिक, इज्जत नगर पुलिस के एक दरोगा और एक सिपाही ने कुछ दिन पहले सद्दाम के करीबी गुर्गे फरहद को उठाया था. लेकिन आरोप है कि उसने 25 हजार रुपये लेकर छोड़ दिया. इसके बाद बरेली की एसओजी की टीम ने उसे फिर से पकड़ लिया. एसओजी के मुताबिक, अपराधी ने दरोगा और सिपाही की पूरी पोल खोल दी.

वहीं, उत्तर प्रदेश की पुलिस और एसटीएफ सद्दाम को तलाश कर रही है. उसे पकड़ने के लिए टीम ने छापेमारियां तेज कर दी हैं. पुलिस के मुताबिक, सद्दाम का करीबी गुर्गा फरहद इज्जत नगर थाना क्षेत्र के प्रतापपुर जीवन सराय का रहने वाला है. उसने आरोप लगाया कि इज्जत नगर थाने के दरोगा सचिन शर्मा और सिपाही अंकित कुमार ने उसे गिरफ्तार किया था. फिर उससे 25 हज़ार रुपये लेकर छोड़ दिया.

पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की प्रक्रिया शुरू

फरहद के मुताबिक, दरोगा और सिपाही ने यह गारंटी दी कि अब उसको कोई भी पुलिस गिरफ्तार नहीं करेगी. लेकिन कुछ दिन बाद बरेली की एसओजी ने फरहद को फिर से गिरफ्तार कर लिया. वहीं, इस पूरे मामले में जब एसपी सिटी राहुल भाटी ने जांच की तो सिपाही और दरोगा दोषी पाए गए. बताया जा रहा है कि सिपाही और दरोगा पर कार्रवाई के लिए एसपी सिटी ने बरेली के एसएसपी प्रभाकर चौधरी को मामले की रिपोर्ट भेज दी है. दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

अशरफ के साले सद्दाम के खाते में जमा किये थे 12 लाख रुपये

जानकारी के मुताबिक, बरेली जेल में बंद अशरफ के साले सद्दाम के खाते में फरहद ने 12 लाख रुपये जमा कराए थे. एसआईटी ने जांच की तो पता चला कि जमीन की खरीद के लिए यह पैसे जमा कराए गए थे. हालांकि, एसआईटी के अधिकारी अभी जांच कर रहे हैं कि कहीं यह रंगदारी का तो पैसा नहीं था. यही वजह है कि फरहद को फिर से गिफ्तार किया गया था. इस पूरे मामले में बरेली के एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया कि इज्जत नगर थाने के दरोगा और एक सिपाही जांच में दोषी पाए गए हैं. साथ ही फरहद के खाते से सद्दाम के खाते में 12 लाख रुपए जमा कराए गए थे, इसकी भी पुलिस की टीम जांच कर रही है.

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