प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए तैयार किये जा रहे मास्टर ट्रेनर्स : सूर्य प्रताप शाही
- खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2022 का हुआ आयोजन
लखनऊ। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि भवन सभागर में खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2022 संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार कृषकों के जीवन स्तर में सुधार हेतु निरंतर प्रयास कर रही है। कृषकों के आर्थिक उन्नयन हेतु कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। ख़रीफ़ 2022 में दलहन, तिलहन और मोटे अनाजों में लगभग 6 लाख हेक्टर अतिरिक्त आच्छादन का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मास्टर ट्रैनेर्स तैयार किए जा रहे हैं। निकट भविष्य में विशेष गोष्ठियों के आयोजन की योजना बनाई जा रही है, जिससे प्रदेश के भीतर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश के 2 करोड़ 59 लाख किसानों को अब तक 47500 करोड़ से अधिक की धनराशि प्रदेश के भीतर किसानों को मिल चुका है।
उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि उद्यान विभाग की योजनाओं से समयबद्ध ढंग से प्रदेश के सभी कृषकों तक पहुँचाया जाएगा। कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हए कहा की राज्य सरकार कृषकों के कल्याण हेतु बहुत से कार्यक्रम संचालित कर रही है। सरकार अपनी सुविधाओं की कृषकों के द्वार तक पहुँचाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह के द्वारा कृषि उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य कृषि, पशुपालन, उद्यान, गन्ना, रेशम, विद्युत, सिंचाई आदि विभागों के सही कोऑर्डिनेशन की अपेक्षा करते हुए बताया गया कि कृषि क्षेत्र में विभिन्न फसलों के आच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता के आकलन के लिए एक योजना बनाई जा रही है, जिससे आच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता की सटीक जानकारी एकत्रित की जा सकेगी।
अपर मुख्य सचिव (कृषि) डॉ. देवेश चतुर्वेदी के द्वारा कृषि विभाग द्वारा अपनाए जा रहे नवीनतम कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को सही प्रकार से लागू करने के निर्देश दिए गए। इस अवसर पर प्रमुख सचिव सिंचाई के द्वारा प्रदेश में सिंचाई व्यवस्था तथा नहरों के संचालन आदि के संदर्भ में विभागीय रणनीति को बताया गया। कृषि निदेशक उत्तर प्रदेश विवेक कुमार सिंह ने उपस्थित अधिकारियों एवं कृषकों को संबोधित करते हुए कृषि उत्पादकता के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई रणनीति का विस्तृत प्रस्तुतिकरण किया गया।