महिला शोभा ने समूह से मिले पैसे, तो मिट्टी को बना लिया व्यवसाय
- मेहनतकश व्यक्तियों में कुछ करने का हुनर है तो बढ़ जाते मंजिल की ओर कदम
औरैया। अजीतमल तहसील क्षेत्र के गांव मुहारी की रहने वाली भूमिहीन छप्पर में रहकर जीवन यापन कर रही महिला ने समूह में सचिव पद पर रहकर पहले गांव की महिलाओं को जोड़ा, फिर समूह के माध्यम से मिले चालीस हजार रूपये लेकर टूट चुके धंधे को चालू किया। आज महीने में पांच से दस हजार रुपये कमा, पांच सदस्यीय परिवार को आगे बढ़ाते हुए पक्का मकान भी बनवा लिया।
मोहारी गांव में चल रहे जय बजरंगबली स्वयं सहायता समूह की सदस्या सचिव शोभा देवी ने वर्ष 2018 में गांव की गरीब व कर्मठ महिलाओं के साथ लेकर समूह चलाया। जब समूह चल निकला तो स्वयं छोटी रकम लेकर घर पर माटी का काम डाल लिया और वो ”””कहावत, माटी में मिलने से पहले ही माटी से चल निकली ज़िन्दगी सच कर दिखाया। मिट्टी से नई डिजाइन के गुल्लक, डबुआ, सुराही, मटकी, दीये बनाने का काम शुरू किया, जिसमें पति बच्चों ने भी सहयोग दिया और काम चल निकला।
आठवीं कक्षा पास शोभा ने बताया कि पहले थोड़ा सामान बना पाते थे, यही बिक जाता था। लेकिन अब तो बाजारों से मांग भी आ जाती है और मेले, त्यौहारों पर अच्छी खासी कमाई होने लगी है। जिसके चलते पति तीन बच्चों का परिवार चल निकला और झोपड़ी से आज अपना पक्का मकान बनवा लिया। यदि कोरोना काल का समय न आता तो और कुछ कर लेते।
उन्होंने बताया कि मेहनतकश महिलाओं के लिए समूह एक ऐसा आधार है जिसके सहयोग से कोई भी सदस्य अपना धंधा करने के लिए ऋण लेकर काम कर सकती है। ग्रामीण महिलाओं के लिए सहायता समूह किसी संजीवनी से कम नहीं है। इस सम्बन्ध में ब्लाक के समूह काे आर्डिनेटर अजय कुमार ने बताया कि हमारे यहां महिला शोभा का समूह भली भांति चल रहा है जिसका श्रेय उन्हें जाता है। इनको कई बार समय समय पर जिले के अधिकारियों द्वारा प्रोत्साहित भी किया जा चुका है। यहां ग्रामीण अंचल की कोई भी महिला समूह में जुड़कर या जहां संचालित नहीं है तो नया समूह बना के आगे बढ़ सकती हैं।