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UNSC की बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, ‘कूटनीति ही रूस-यूक्रेन संकट हल करने का एकमात्र तरीका’

रूस यूक्रेन के बीच जारी तनाव पर यूएनएससी की बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि कूटनीति इस संकट को हल करने का एकमात्र तरीका है. उन्होंने कहा, यह संकट इस परिषद के प्रत्येक सदस्य और दुनिया के सभी देशों को सीधे प्रभावित कर रहा है. रूस आज घोषणा कर सकता है कि वह यूक्रेन पर हमला नहीं करेगा और इसे स्पष्ट रूप से दुनिया को बताए. और फिर अपने सैनिकों, टैंकों को उनके बैरक और हैंगर में वापस भेजकर और राजनयिकों को बातचीत की मेज पर भेजे.

वहीं, रूस ने यूएनएससी में कहा कि कल यूक्रेन के उपराष्ट्रपति ने कहा था कि डोनबास की विशेष स्थिति पर कोई नया कानून नहीं होगा, इसलिए कोई प्रत्यक्ष समझौता नहीं होगा. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि मिन्स्क समझौते को लागू करने के लिए पश्चिम देश की तरफ से उन पर कोई दबाव नहीं डाला गया है. रूस की ओर से कहा गया है कि पश्चिम देश का एकमात्र लक्ष्य युद्ध करना है. अगर ऐसा नहीं होता, तो यूक्रेन की कठपुतली सरकार बहुत पहले ही मिन्स्क समझौते को लागू करने के लिए मजबूर हो जाती.  अब जब ऐसा नहीं हो रहा है तो हम ये कह सकते हैं कि पश्चिम रूस के साथ युद्ध चाहता है.

यूएनएससी की बैठक में भारत की ओर से क्या कहा गया?

वहीं संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन पर यूएनएससी की बैठक में कहा कि अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा हासिल करने के व्यापक हित में सभी पक्ष तनाव बढ़ाने वाले किसी भी कदम से बच सकते हैं.शांत और रचनात्मक कूटनीति समय की मांग है.

उन्होंने कहा, 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं और अध्ययन करते हैं, जिसमें इसके सीमावर्ती क्षेत्र भी शामिल हैं. भारतीय नागरिकों की भलाई हमारे लिए प्राथमिकता है. इससे पहले अमेरिका ने बुधवार को उम्मीद जताई कि नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध भारत, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की सूरत में अमेरिका का साथ देगा. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने कहा है कि रूस ने हाल के दिनों में यूक्रेन की सीमा पर सात हजार अतिरिक्त सैनिक तैनात किए हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि चार देशों (क्वाड) के विदेश मंत्रियों के बीच हाल में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में हुई बैठक में रूस और यूक्रेन के मुद्दे पर चर्चा हुई. भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्री इस बैठक में शामिल हुए थे. प्राइस ने कहा, ‘‘बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि इस मामले के राजनयिक-शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है.’’

प्रवक्ता ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘क्वाड नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने का पक्षधर है. नियम आधारित व्यवस्था हिंद प्रशांत क्षेत्र में समान रूप से लागू होती है, जैसे कि यह यूरोप में है या अन्य कहीं है. हम जानते हैं कि हमारे भारतीय साझेदार नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है. इस व्यवस्था में अनेक नियम हैं, उनमें से एक यह है कि बल के जरिए सीमाओं का पुनर्निर्धारण नहीं हो सकता.

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