घर के बालक-बालिकाओं को अपनी संस्कृति से कराएं परिचित: उषा सिन्हा

- लखनऊ के इंदिरा नगर स्थित ईश्वर धाम मंदिर में हुई संस्कार गीतों की कार्यशाला की प्रस्तुति
लखनऊ। वर्तमान में हमारे समाज में सांस्कृतिक प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। युवा वर्ग पाश्चात्य संस्कृति की ओर तेजी से आकर्षित हो रहा है। इस प्रदूषण को रोकने के लिए ऐसी कार्यशाला की आवश्यकता है, जो समाज में अपने पारम्परिक संस्कारों पर कार्य करें। अपने घर के बालक-बालिकाओं को अपनी संस्कृति से परिचित कराएं। यह विचार प्रोफेसर उषा सिन्हा ने आज यानि रविवार को लखनऊ के इंदिरा नगर स्थित ईश्वर धाम मंदिर में ज्योति कलश संस्था की ओर से आयोजित संस्कार गीतों की कार्यशाला की प्रस्तुति कही। वह संस्था की अध्यक्ष भी है।
संस्कार गीतों की कार्यशाला प्रशिक्षिका कुमाऊंनी कोकिला, अवधी लोक गायिका विमल पंत रहीं। कार्यशाला की विशेषता थी कि इसमें स्वरचित रचनाएं प्रस्तुत कीं गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि की डॉ अशोक बनर्जी एवं डॉ उषा बनर्जी थी। श्री बनर्जी ने इस अवसर पर कहा आज के संदर्भ में इस प्रकार के कार्य करने वाली संस्थाएं सत्य ही प्रशंसनीय हैं। संस्था के सभी पदाधिकारियों को बधाई देता हूं । प्रशिक्षिका विमल पंत को भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं। विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध समाजसेविका एवं पूर्व भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष शिवा सिंह ने भी सभी को बधाई दी।
कार्यक्रम की संयोजिका एवं संस्था की महामंत्री कनक वर्मा ने कहा ऐसी कार्यशाला को आयोजित करके हम अपने समाज में अपनी संस्कृति के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना चाहते हैं। संस्था की संरक्षक प्रोफेसर कमला श्रीवास्तव ने विमल पंत की प्रशंसा करते हुए कि उन्होंने न सभी संस्कारों पर आधारित गीतों की अच्छी रचना की है। कार्यक्रम में पत्रकार विवेक पांडेय एवं कामरान खान को सम्मानित भी किया गया।