बेसहारा एवं निराश्रित गोवंश का संरक्षण किया जाए : धर्मपाल सिंह
- -गोआश्रय स्थलों पर ठंड से बचाव हेतु आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जांए
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने प्रत्येक दशा में बेसहारा एवं निराश्रित गोवंश का गोआश्रय स्थलों में संरक्षण सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। पशुधन मंत्री ने कहा है कि मिशन मोड में अगले तीन माह 01 जनवरी से 31 मार्च, 2023 तक अभियान चलाया जाए और इस अवधि के बाद गोवंश सड़कों या खेतों पर न दिखने पायें। वह पशुपालन निदेशालय में आयोजित विभाग के मण्डलीय अपर निदेशक, जनपदीय मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं प्रक्षेत्र प्रबंधकों की वर्चुअल समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
धर्मपाल सिंह ने इस मामले में संरक्षण कार्य में लापरवाही पर गोण्डा व गोरखपुर के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी का स्पष्टीकरण लेने तथा जनपद बदायूं के मुख्य पशुचिकित्साधिकारी का वेतन रोकने तथा कार्य में उदासीनता बरतने पर शामली के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी का वेतन रोके जाने का निर्देश दिया है।
पशुधन मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गोवंश का संरक्षण एवं संवर्धन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में से एक है और यह आमजनमानस की आस्था एवं भावनाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है। इसलिए निराश्रित गोवंश की देखरेख के कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न की जाए और उनके संरक्षण हेतु सरकार द्वारा दिये जा रहे दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को सख्ती से निर्देशित करते हुए कहा कि सरकार गोवंश के प्रति संवेदनशील है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। विभागीय अधिकारी नियमित रूप से गोसंरक्षण कार्यों का स्थलीय रूप से निरीक्षण करें और आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। ठंड के दृष्टिगत गो-आश्रय स्थलों पर गोवंश हेतु चारा, भूसा, प्रकाश, चिकित्सा, सुरक्षा एवं औषधियॉ आदि की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से निरीक्षण भी किया जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास डा. रजनीश दुबे ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि निराश्रित गोवंश संरक्षण कार्यों एवं मिशन ए0आई0 की दैनिक रूप से समीक्षा की जाए और समस्याओं का त्वरित निदान करते हुए प्रशासन को भी अवगत कराया जाए। बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, पशुपालन विभाग के निदेशक प्रशासन एवं विकास डा0 इन्द्रमणि तथा निदेशक रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र डा0 पीके सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।