सामूहिक प्रयास से होगा उप्र से फाइलेरिया का उन्मूलन
लखनऊ। प्रदेश में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) तथा अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है। प्रदेश के संयुक्त निदेशक (फाइलेरिया एवं कालाजार) डा. वीपी सिंह ने रायबरेली, कौशाम्बी, कानपुर और फतेहपुर जनपदों के विभिन्न शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों का तीन दिवसीय भ्रमण किया।
उन्होंने बताया कि सामाजिक संस्थाओं के सामूहिक प्रयास से प्रदेश से फाइलेरिया का उन्मूलन शीघ्र हो जायेगा। कार्यक्रम के दौरान लगाई गयी टीमों और माइक्रो प्लान का विशेष रूप से निरीक्षण किया । उन्होंने क्षेत्र में उपस्थित स्वास्थ्य अधिकारियों को ये भी निर्देश दिए कि लिम्फेडेमा के मरीजों के प्रबंधन और हाइड्रोसील के मरीजों की सर्जरी को सुनियोजित तरीके से सुनिश्चित किया जाये ।
जनपद रायबरेली के शहरी क्षेत्र निरालानगर और ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हरचंदपुर के डिघौरा व सराय उमर गांव के बथुआ खास गांव और डलमऊ पूरे भागू गांव के भ्रमण के दौरान टीम ने फाइलेरिया मरीजों के घर जाकर उनसे बातचीत कर उनकी चुनौतियों को भी समझा। इसके अलावा अभियान के दौरान जिन लोगों ने फाइलेरिया से बचाव की दवा खाने से मना किया था, उन लोगों से मिलकर उन्हें दवा खिलाने के लिए प्रेरित किया और अपने सामने दवा भी खिलाई।
इस अवसर पर बीएमजीएफ की संक्रामक रोग कार्यक्रम की डिप्टी डायरेक्टर डॉ. कायला लार्सन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिस तरह से बेहतरीन कार्य हुआ है, वैसा ही प्रयास शहरी क्षेत्रों में भी करने की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए अलग से रणनीति बनाने पर भी विचार करने को कहा ताकि फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को शीघ्र प्राप्त किया जा सके।
बीएमजीएफ के नेगलेक्टेड ट्रापिकल डिजीज (एनटीडी) उन्मूलन कार्यक्रम के कंट्री लीड डॉ. भूपेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि जो मजदूर लोग सुबह काम से निकल जाते हैं, वहां पर शाम को जाकर दवा खिलानी चाहिए। टीम के भ्रमण के दौरान डा. वीपी सिंह, बीएमजीएफ के सिएटल, यूनाइटेड स्टेट्स के डॉ. जॉर्डन टेपेरो, डॉ. रशेल ब्रोंज़ोन, मौली मोर्ट एवं डॉ. पैट्रिक लैमी , बीएमजीएफ कंट्री ऑफिस के डॉ. भूपेंद्र त्रिपाठी, कायला लार्सन, डॉ. रजनी, अमोल एवं विशाल तथा अन्य सहयोगी संस्थाओं व विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे ।