एक ईमानदार की कहानी है नाटक ‘शातिर चोर ईमानदार’

- उत्तर प्रदेश दिवस के उपलक्ष्य में उप्र संगीत नाटक अकादमी प्रेक्षागृह में शुरू हुआ 10 दिवसीय नाट्य समारोह
लखनऊ। एक ईमानदार चोर की कहानी नाटक ‘शातिर चोर ईमानदार‘‘ है। उत्तर प्रदेश दिवस के उपलक्ष मे क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय, उ.प्र. पर्यटन निर्देशालय, नव अंशिका फाउंडेशन व थिएटर एंड फिल्म वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से मंगलवार से शुरू हुए लखनऊ नाट्य समारोह में प्रथम दिवस मदर सेवा संस्थान ने हास्य प्रस्तुति ‘शातिर चोर ईमानदार‘ दी। इसमें चबूतरा थियेटर पाठशाला के कलाकारों ने अभिनय किया। इसका लेखन एवं निर्देशन मोहम्मद अमन ने किया। इसकी परिकल्पना महेश चन्द्र देवा की हे। नाटक का मंचन उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी प्रेक्षागृह में हुआ।
नाटक की कहानी में एक एक शातिर चोर है जो केला चुराता है। चोर बहुत ही नटखट, शरारती और ड्रामेबाज होता है। केला चोर पहले हरिप्रसाद इंसान को लूटता है। हरिप्रसाद बहुत ही बेवकूफ होता है, वह शातिर चोर की साजिश में आ जाता है और वह अपने घर जाता है तो उसकी बीवी बताती है कि उसने तुम्हें बेवकूफ बनाया है। हरिप्रसाद शातिर चोर के खिलाफ थाने में शिकायत लिखाता है लेकिन केला चोर थाने में भी हाथ की सफाई करता है।
वहीं हरिप्रसाद की बीवी को पता चलता केला चोर थाने में भी चोरी करके चला गया वह अपने पति हरिप्रसाद को बहुत ताना मारती है और उसे निठल्ला- निठल्ला बोलती है । हरिप्रसाद गुस्सें में आकर खुद-ब-खुद लोगो को बेवकूफ बनाना शुरू कर देता है । फिर केला चोर को पता चलता है कि हरिप्रसाद भी अब चोरी करने लगा है तब केला चोर अपनी हकीकत हरिप्रसाद को बताता है कि वह चोरी अपने स्वार्थ के लिए नहीं करता बल्कि अनाथ बच्चों के लिए करता है। वह उन्हें पढ़ा लिखा कर एक अच्छा बेहतर इंसान बनाना चाहता है।
हरिप्रसाद को जब पता चलता है कि केला चोर इतना ईमानदार है वह अपने स्वार्थ के लिए चोरी नहीं कर रहा तो वह उसका साथ देते हैं। फिर वह लोग साथ में लाला झुनझुन मल को लूटते हैं । पुलिस केला चोर हरीप्रसाद दोनों को पकड़ लेती है लेकिन जब उन्हें हकीकत पता चलता है कि वह चोर होकर भी बहुत अच्छा काम करता है, सुनकर अचंभा होता है कि एक चोर इतना ईमानदार हो सकता है? पुलिस वाले उसकी सजा कम करवा देते है। नाटक में मोहम्मद अमन, मोहम्मद सैफ, सोनाली वाल्मीकि, मोहम्मद आरिफ,विजय सिंह,ॠतिक शाक्य, अनूप कुमार, सुमित कनौजिया ने अभिनय किया। परोक्ष में रंगदीपन तमाल बोस, संगीत संचालन मो. सैफ ने किया। रूपसज्जा सोनाली, वेशभूषा ऋतिक शाक्य ने किया।