उत्तर प्रदेशउन्नाव

उन्नाव में 63 दिनों से लापता युवती के शव का नहीं हो सका अंतिम संस्कार, पीड़ित परिवार ने पुलिस के सामने रखी ये डिमांड

उन्नाव में पिछले 2 महीने लापता दलित युवती का शव पुलिस ने गुरुवार कोबरामद कर लिया. युवती का शव सपा नेता और पूर्व राज्य मंत्री फतेह बहादुर सिंह के प्लाट से खुदाई के बाद बाहर निकाला गया. शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस उसे अंतिम संस्कार के लिए जाजमऊ चंदन घाट पर लेकर पहुंची. हालांकि मृतका के परिवार ने अंतिम संस्कार नहीं होने दिया. मृतका के परिजनों ने पुलिस-प्रशासन के सामने अपनी कई मांगे रखीं. मांगे पूरी न होने पर शव का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया.

एएसपी और सिटी मजिस्ट्रेट ने पीड़ित परिवार से काफी मान मनौव्वल भी किया. इसके बावजूद भी युवती के परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं हुए. बता दें कि उन्नाव (Unnao Missing Girl) के कांशीराम कॉलोनी में रहने वाली 24 साल की युवती दो महीने पहले गायब हो गई थी. गुरुवार को उसका शव एक प्लाट के गड्ढे से बरामद किया गया था. आज दोपहर बारह बजे मृतका का शव पोस्टमार्टम होने के बाद जाजमऊ चंदन घाट पर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया था. इस दौरान बड़ी संख्या में वहां पुलिस फोर्स मौजूद थी.

मृतका की मां ने नहीं होने दिया अंतिम संस्कार

सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए घाट पर अजगैन, दही, माखी, उन्नाव कोतवाली और गंगाघाट की भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई थी. पुलिस मृतका का अंतिम संस्कार कराने जा रही थी लेकिन मृतका की मां रीता अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं हईं. उन्होंने पुलिस प्रशासन से पोस्टमार्टम की रिपोर्ट मांगी. पुलिस ने मृतका की मां को पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंप दी. जिसके बाद पीड़ित परिवार से इस रिपोर्ट को गलत करार देकर विरोध शुरू कर दिया. मृतका की मां का कहना था कि उनकी बेटी का गलत पोस्टमार्टम किया गया है.

बेटी के साथ दुष्कर्म होने का आरोप

दलित युवती की मां का आरोप है कि उनकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया था. दुष्कर्म के बाद उनकी बेटी की हत्या की गई थी. उन्होंने पुलिस से कहा कि उनकी बेटी के शव को डी फ्रीजर में रखवा दिया जाए. वह दस दिन बाद उसका अंतिम संस्कार करेंगी. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह मामले की सीबीआई जांच की मांग करेंगी. बेटी को न्याय नहीं मिला तो वह बेटी के शव के साथ गंगा में कूदकर जान दे देंगी.

पुलिस-प्रशासन के सामने रखी मांग

एएसपी शशि शेखर सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट विजेता ने मृतका के परिजनों को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन प्रशासन की उनकी एक न सुनी. आखिरकार उन्होंने अपनी बेटी का अंतिम संस्कार नहीं होने दिया. इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मचा गया. इस मामले पर एएसपी ने बताया कि परिजनों को समझाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही परिवार को समझा बुझाकर मृतका का अंतिम संस्कार कराया जाएगा.

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