राजभवन के अधिकारियों ने 25 टीबी रोगियों को गोद लिया
लखनऊ। विश्व क्षय रोग दिवस पर शुक्रवार को राजभवन स्थित गांधी सभागार में प्रमुख सचिव राज्यपाल कल्पना अवस्थी की अध्यक्षता में राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने सामुदायिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 25 टीबी रोगियों को गोद लिया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रमुख सचिव राज्यपाल ने बताया कि राज्यपाल ने 25 अगस्त 2019 को राजभवन में 21 बाल टीबी रोगियों को गोद लेकर सामुदायिक सहायता का एक अभिनव उदाहरण पेश किया। इससे पूरे देश को प्रेरणा मिली और पूरे देश ने इस परम्परा को अपनाया। प्रदेश सरकार ने भी इसे अपनी योजना में शामिल करके इसे और विस्तार दिया तथा बाल रोगी के साथ-साथ व्यस्क रोगियों को भी गोद लेने की योजना में शामिल कर लिया गया।
प्रमुख सचिव राज्यपाल ने कहा कि विश्व में बड़ी जनसंख्या का देश होने के कारण सर्वाधिक टीबी के रोगी भारत में हैं। भारत का वृहद् जनसंख्या वाला प्रदेश होने के कारण देश के क्षय रोगियों का सर्वाधिक प्रतिशत उत्तर प्रदेश में है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री की मंशा के अनुसार प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल टीबी से जनहानि को रोकने और इसे देश से समाप्त करने की दिशा में प्रतिबद्धता से सक्रिय हैं। उनकी प्रेरणा से राजभवन के अधिकारी और कर्मचारी भी योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीबी एक संक्रामक लेकिन सही हो सकने वाली बीमारी है। उन्होंने आज गोद लिए गए सभी मरीजों और उनके अभिभावकों को इस संक्रामक रोग से ऐहतियात रखने तथा रोगियों को दवा का नियमित सेवन करते रहने के लिए प्रेरित किया।
इसी क्रम में प्रमुख सचिव राज्यपाल ने जानकारी दी कि वर्ष 2022 में राजभवन में जिन 103 टीबी रोगियों को गोद लिया गया था, उनमें से 101 रोगी रोग मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि दो रोगी अभी चिकित्साधीन हैं। रोगियों को गोद लेने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी निक्षय मित्र के रूप में चिह्नित हैं, जिनके द्वारा गोद लिए गए रोगियों के स्वस्थ हो जाने पर नए चिह्नित रोगी गोद दिए जाने की परम्परा जारी है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के महानिदेशक चिकित्सा डॉ. लिली सिंह ने बताया कि क्षय रोग इस समय विश्व स्तर पर चिंता का विषय हैं। ऐसी स्थिति में देश के प्रधानमंत्री ने जारी क्षय रोग मुक्त भारत अभियान को सफल करने के लिए राज्यपाल के क्षय रोगियों को गोद लेने का अभियान ‘क्षय मुक्त उत्तर प्रदेश‘ को गति प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमें इस अभियान को टी0बी0 उन्मूलन की तरह चलाना है, जिसका उद्देश्य है ‘‘नो टीबी”।
कार्यक्रम में राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के गोद लिए गए सभी 25 रोगी तथा बाल रोगियों के साथ उनके अभिभावक भी उपस्थित थे। सभी रोगियों को उन्हें गोद लेने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पोषण सामग्री के बैग प्रदान किए। बैग में पोषण सामग्री के साथ-साथ रोगियों को उन्हें गोद लेने वाले निक्षय मित्र अधिकारी और कर्मचारी का नाम एवं मोबाइल नम्बर युक्त एक कार्ड भी प्रदान किया गया। कार्ड में रोगियों द्वारा व्यवहार किये जाने और न किये जाने वाले कार्य (डूज एण्ड डोन्ट्स) की जानकारी के साथ-साथ निःशुल्क जांच और अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नम्बर भी अंकित किया गया है।
इस अवसर पर कार्यक्रम में विशेष सचिव राज्यपाल बीएन सिंह, अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थय विभाग उत्तर प्रदेश मंडल डॉ. (मेजर) जीएस बाजपेई, महाप्रबंधक राष्ट्रीय कार्यक्रम राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन उप्र डॉ. लक्ष्मण सिंह, वरिष्ठ परामर्शदाता राज्यपाल डॉ. अनिल निर्वाण, राजभवन में तैनात समस्त चिकित्साधिकारी, क्षय रोगियों को गोद लेने वाले राजभवन के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।