उत्तर प्रदेशऔरैया

तंबाकू से बने उत्पाद पर लिखी चेतावनी को न करें नजरंदाज

औरैया। तंबाकू या तंबाकू से बने उत्पादों को चबाना या पीना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं, ऐसी चेतावनी उत्पादों में हिंदी व अंग्रेजी में लिखी रहती है। बार-बार इसे पढ़ने के बाद भी तंबाकू उपभोगता अमल में नहीं ला रहे हैं। इसे नजरंदाज करते करते लोग कैंसर जैसी घातक बीमारी को न्यौता दे रहे है।

तंबाकू के प्रति जागरूकता के लिए हर वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाता है। तंबाकू खाने वाले जगह-जगह थूकते हैं। इससे गन्दगी फैलती है और वातावरण को भारी नुकसान पहुंचता है। वर्ष 2022 के विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) की थीम, “पर्यावरण के लिए खतरनाक है तंबाकू” है।

ग्लोबल एडल्टस तंबाकू गेटस सर्वे की रिपोर्ट पर बात करें तो इधर नौ साल में तंबाकू सेवन करने वाले लोगों की संख्या में छह फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। फिर भी अभी 28% वयस्क (15 वर्ष से अधिक आयु वाले) तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। इनमें 21.4 फीसद वयस्क धुआं रहित तंबाकू यानी गुटखा, खैनी आदि का सेवन कर रहे हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि तंबाकू के सेवन से श्वास रोग, ह्रदय रोग, गुर्दा रोग, फेफड़े संबंधी विकार के साथ ओरल यानी मुख का कैंसर आदि रोग हो जाते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण किशोरावस्था से ही बालक और बालिकाओं का तंबाकू से बने पदार्थ के प्रति आकर्षित होना है। पहले इसे यह लोग चोरी छुपे लेते हैं। युवावस्था में आने के बाद खुले आम खाने लगते हैं।

गैर-संचारी रोग यानी एनसीडी के नोडल डा0 शिशिर पुरी ने बताया कि तंबाकू, गुटखा, पान मसाला खाने से मुख का कैंसर होता है। उन्होंने बताया कि विश्व की जनसंख्या का 25 फीसद भाग मुख के कैंसर से प्रभावित है। उन्होंने बताया कि सिगरेट और अन्य तंबाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 कोटपा के अंतर्गत धारा 4 में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध है। इसकी धारा छह ए में स्कूल और कालेजों की 100 गज की परिधि में तंबाकू उत्पाद बेचना निषेध है। इसकी धारा छह बी में 18 साल से कम आयु के बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेचना या बिकवाना अपराध की श्रेणी में है। इसके उल्लंघन पर 200 रुपये जुर्माना वसूलने का प्रावधान है।

ऐसे होता मुख का कैंसर

डा0 पुरी बताते हैं कि गुटखा में आरसोटाक्सिन नामक रसायन होता है। लगातार गुटखा के सेवन से उसमें मौजूद आरसोटाक्सिन मुंह के अंदर की मुलायम त्वचा को प्रभावित करता है। इसके प्रभाव से लार बनने की मात्रा कम होने लगती है। मुंह के अंदर की त्वचा सख्त यानी कड़ी हो जाती है। कुछ समय बाद लार बनना बंद हो जाता है, ऐसी स्थिति में कोई वस्तु निगलने में परेशानी होती है। इस अवस्था में मुंह के कैंसर होने की पूरी संभावना रहती है। ऐसी अवस्था में संबंधित को बिना किसी देरी के जांच कराकर इलाज लेना बेहतर है।

ओरल यानी मुख के कैंसर के लक्षण

  • मुंह में छाले या दाने निकलना
  • दांतों या मुंह में आने छालों से खून निकलना
  • मुंह का पूरे आकार में न खुलना
  • मुंह के अंदर अत्यधिक कठोरपन आना
  • मुंह से बदबूयुक्त लार निकलना
  • ऐसे हो सकता बचाव
  • गुटखा, पान, धूम्रपान से परहेज करना
  • उपरोक्त लक्षण दिखने पर विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लें
  • समय रहते धूम्रपान, गुटखा छोड़ देने से जान बच सकती है।
रीडर न्यूज़

Live Reader News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

रीडर न्यूज़

Live Reader News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button