उत्तर प्रदेशवाराणसी

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वीडियोग्राफी और सर्वे पर मुस्लिम पक्षकार के विरोध पर सवाल, संत समाज मुखर

  • अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के एतराज पर अदालत की अवमानना का आरोप
  • कमेटी के ज्वॉइंट सेक्रेटरी सैयद मोहम्मद यासीन को गिरफ्तार करने की मांग

वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित मां शृंगार गौरी मंदिर सहित अन्य देव विग्रहों की वीडियोग्राफी और सर्वे पर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के एतराज पर अखिल भारतीय सन्त समिति ने सवाल उठाया है। बुधवार को समिति के महामन्त्री स्वामी जीतेंद्रानन्द सरस्वती ने सिद्धगिरि बाग स्थित ब्रह्म निवास में पत्रकारों से बातचीत में दो टूक कहा कि ऐसा नहीं है कि विवादित परिसर का सर्वेक्षण पहली बार हो रहा है। 1937 में बनारस के तत्कालीन सिविल जज एस बी सिंह ने एक नहीं बल्कि दो बार मस्जिद परिसर और आस-पास का स्वयं निरीक्षण किया था। पहली बार सम्बन्धित मुक़दमे की सुनवाई से पहले और दूसरा निरीक्षण फ़ैसला सुनाने के पूर्व किया गया था।

ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के ज्वॉइंट सेक्रेटरी सैयद मोहम्मद यासीन पर अनर्गल बयानबाजी का आरोप लगाते हुए जितेन्द्रानंद ने कहा किशृंगार गौरी मामले में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी और फ़ोटोग्राफी के लिए एक टीम गठित की है, जो 6 मई को विवादित परिसर में जाकर वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण का कार्य करेगी। इस पर मुस्लिम पक्ष कह रहा है कि वे लोग अदालत द्वारा नियुक्त की गई सर्वे टीम को मस्जिद में घुसने नहीं देंगे। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी (जो कि मस्जिद की व्यवस्था देखती है) का सचिव एस. एम. यासीन खुलेआम कह रहा है कि वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण के लिए किसी को मस्जिद के अंदर घुसने नहीं देंगे। हिन्दू लोग शृंगार गौरी के बहाने ज्ञानवापी मस्जिद में घुसना चाहते हैं।

स्वामी जीतेंद्रानन्द सरस्वती ने सवाल किया कि देश संविधान के आलोक में अदालत के निर्णयों से चलेगा या फिर एसएम यासीन की गुंडई से चलेगा। भड़काऊ बयानों से देश का वातावरण बिगाड़ने और अदालत की अवमानना के लिए एस एम यासीन को तत्काल गिरफ़्तार कर जेल भेजा जाना चाहिए। साथ ही राज्य सरकार, ज़िला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को हीलाहवाली करने की बजाय 6 मई, शुक्रवार के दिन सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था करते हुए सर्वेक्षण का कार्य पूरा कराना चाहिए।

उन्होंने मुकदमें का विस्तार से जिक्र कर बताया कि मुक़दमें में अंग्रेज़ी सरकार ने दो विशेषज्ञों इतिहासकार डॉ. परमात्मा सरन और इतिहासकार डॉ ए एस अल्टेकर को अदालत में गवाह के तौर पर प्रस्तुत किया था। इन दोनों ने भी ज्ञानवापी मस्जिद परिसर, मस्जिद के नीचे स्थित तहख़ाने और पश्चिमी दीवार में प्राचीन मन्दिर के भग्नावशेषों का विस्तार से सर्वेक्षण और अध्ययन किया था। स्वामी जीतेंन्द्रानंद ने कहा कि दोनों इतिहासकारों की गवाही पर आपत्ति जताते हुए मुस्लिम पक्ष ने अदालत से कहा था कि यदि विशेषज्ञों की आवश्यकता है तो सरकार की बजाय अदालत अपनी तरफ़ से विशेषज्ञों को नियुक्त कर सकती है। उस समय यह स्वीकार्य था तो आज अदालत द्वारा नियुक्त सर्वे टीम पर आपत्ति क्यों की जा रही है?

एस एम यासीन कह रहे हैं कि बैरिकेडिंग के अन्दर सर्वेक्षण करने के लिए हम किसी को घुसने नहीं देंगे। अरे जनाब, जिस बैरिकेडिंग की बात कर रहे हो वो बैरिकेडिंग तो 90 के दशक में वहाँ डाली गई है। बैरिकेडिंग के अन्दर मस्जिद की पश्चिमी दीवार जिसमें प्राचीन मंदिर के भग्नावशेष हैं, के ही एक भाग में शृंगार गौरी की पूजा की जाती है। वह हिस्सा कुछ ही दिनों पहले बैरिकेडिंग से बाहर किया गया है। इस विवाद का निपटारा बिना भग्नावशेषों के सर्वेक्षण के नहीं हो सकता।

स्वामी जीतेन्द्रानंद ने कहा कि अदालत का आदेश बैरिकेडिंग के अन्दर या बाहर का नहीं बल्कि आराजी संख्या 9130 के सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी का है। इस आराजी संख्या के अन्तर्गत जो कुछ भी स्थित है, उसका सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी की जानी है। उन्होंने मुस्लिम पक्षकार को निशाने पर लेकर कहा कि अदालत में तो आप यह कहते हो कि मस्जिद में किसी को केवल ग़ैर मुस्लिम होने के आधार पर जाने से नहीं रोका जा सकता लेकिन अब अदालत के बाहर मीडिया चैनलों पर कह रहे हो कि मस्जिद के अंदर मुसलमानों और सुरक्षाकर्मियों के अतिरिक्त कोई नहीं जा सकता। हम अदालत के आदेश पर गठित टीम को भी मस्जिद के अंदर घुसने नहीं देंगे। वार्ता में श्रीकाशी ज्ञानवापी अविमुक्त क्षेत्र न्यास के अध्यक्ष हरिहर पाण्डेय भी उपस्थित रहे।

रीडर न्यूज़

Live Reader News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

रीडर न्यूज़

Live Reader News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button