कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार को चली गई. तमाम विपक्षी दलों के नेता ने इस गलत ठहराया था तो वहीं बीजेपी ने इसे कानूनी कार्रवाई करार दिया था. राहुल की सदस्यता जाने की गूंज भारत से बाहर भी सुनाई देने लगी. विदेश मीडिया ने भी इस खबर को ब्रेकिंग न्यूज पर तरजीह दी थी.
संयुक्त राष्ट्र से लेकर अमेरिका तक में इसकी गूंज सुनाई देने लगी. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के एक प्रवक्ता ने कहा था कि वह राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने की खबर से वाकिफ हैं. उनके प्रवक्ता ने यह भी कहा था मेरी जानकारी में ये भी है कांग्रेस इस फैसले के खिलाफ अपील भी करेगी.
वहीं, भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद रो खन्ना ने इसे गलत ठहराया था. उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को अयोग्य ठहरा दिया जाना गांधीवादी विचारधारा के साथ गहरा विश्वासघात है. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में दखल देने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी इस फैसले को बदल सकते हैं.
उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि राहुल गांधी संसद सदस्यता रद्द करना गांधीवादी दर्शन और भारत के मूल्यों के साथ गहरा विश्वासघात है. मेरे दादाजी ने जेल में वर्षों की कुर्बानी दी थी लेकिन यह वह नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी से अपील की थी कि आपके पास इस फैसले को पलटने की ताकत है.
विवेक अग्निहोत्री ने साधा निशाना
रो खन्ना के इस ट्वीट पर भारतीय फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने उनके (रो खन्ना) दादाजी पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि क्या आपके दादाजी वह नहीं थे, जिन्होंने आपातकाल पर इंदिरा गांधी का समर्थन किया था? हमेशा फासीवादी फैसलों के लिए खड़े रहे?
Btw, wasn’t your grandfather the one who supported Indira Gandhi on Emergency? Always stood for fascist decisions? https://t.co/1I3BQ1zDaq
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) March 25, 2023
मेरे दादाजी को बदनाम न करें
वहीं, पैम्फलेट (The Pamphlet) ने ट्वीट करते हुए लिखा, रो खन्ना ये भूल गए कि इंदिरा गांधी के वफादार उनके दादा अमरनाथ विद्यालंका इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी की सरकार का हिस्सा थे. उन्होंने आपातकाल के दौरान भारतीय जनता पर क्रूर अत्याचारों का विरोध नहीं किया. इस ट्वीट के जवाब में रो खन्ना ने लिखा, आप मुझ पर हमला करें लेकिन मेरे दादाजी को बदनाम मत करें.
खन्ना ने कहा कि मेरे दादाजी ने लाला लाजपत राय के लिए काम किया. अपने दादाजी को बदनाम होते हुए देखकर दुख होता है. उन्होंने इंदिरा गांधी को आपातकाल का विरोध करते हुए संसद छोड़ने के बाद दो पत्र लिखे थे. उन्हें 31-32 और 41-45 में जेल हुई थी. मुझ पर हमला करें लेकिन भारत के स्वतंत्रता सेनानियों पर अटैक मत करें. तथ्य मायने रखते हैं.
It’s sad to see people maligning my grandfather who worked for Lala Lajpat Rai, was jailed in 31-32 and 41-45, and wrote two letters to Indira Gandhi opposing the emergency, leaving parliament right after. Attack me. Don’t attack India’s freedom fighters. And facts matter. https://t.co/mPnFS0Dftu
— Ro Khanna (@RoKhanna) March 25, 2023
4 साल पुराने मामले में राहुल को 2 साल की सजा
बता दें कि चार साल पुराने मामले में शुक्रवार को सूरत सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी. साथ ही 15000 का जुर्माना भी लगाया था. साल 2019 में राहुल ने कर्नाटक में एक रैली के दौरान ये कहा था कि मोदी सरनेम वाले सारे लोग चोर क्यों होते हैं. इस बयान को लेकर उनके खिलाफ गुजरात के पूर्णेश मोदी नाम के एक शख्स ने केस दर्ज किया गया था.