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निवेशकों में प्रदेश में निवेश के लिए दिखा गजब का उत्साह

  • प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा यह निवेश समिट
  • यूपी के लिए उपयोगी सिद्ध हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मृत्युंजय दीक्षित


प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तीन दिवसीय यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट -2023 का भव्य आयोजन हुआ। निवेश का यह महाकुंभ प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।लखनऊ में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्रियों, देश व विदेश के उद्योग जगत की महान हस्तियों ने भी संबोधित किया और प्रदेश में भारी मात्रा में निवेश करने की घोषणाएं कीं। यह पहला अवसर था जब निवेश आकर्षित करने के लिए जनपद स्तर तक कार्यक्रम आयोजित किए गए और अवध, ब्रज, पूर्व ,पश्चिम और बुंदेलखंड सभी क्षेत्रों में निवेशकों ने उत्साह दिखाया । निवेश के लिए सरकार ने जो लक्ष्य तय किया था निवेश का अनुमान उससे कहीं अधिक हुआ है। राजधानी लखनऊ में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की गूंज सोशल मीडिया से लेकर अमेरिका तक में सुनाई दी। जिस दिन इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ उस दिन एक लाख से अधिक लोगों ने सोशल मीडिया में इसे लाइक किया व रिट्वीट किसा।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व के दूसरे वर्ष 2018 में पड़ा निवेश का बीज अब विशाल वटवृक्ष बनने की दिशा में अग्रसर है । 2018 में 4.68 लाख करोड़ से आरम्भ हुई निवेश की यात्रा अब 33.50 लाख करोड़ को पार कर चुकी है।ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 19,058 करार हुए हैं और इससे 93,82,607 युवाओं को रोजगार मिल सकेगा। समिट में 10,000 से अधिक निवेशक सम्मिलित हुए और 1.90 लाख करोड़ रुपये का सबसे बड़ा करार हांगकांग की कंपनी तौस्बे इंटरनेशनल से हुआ। देश के 100 स्टाअर्अप ने प्रदर्शनी में अपनी तकनीक और उत्पाद का प्रदर्शन किया।नीदरलैंड, जापान, यूएई, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, यूके, मारीशस, डेनमार्क व आस्ट्रेलिया पार्टनर कंट्री बने। 25 हजार लोग तीन दिन में समिट में पहुंचे जो एक रिकार्ड है । इस निवेश सम्मेलन का आयोजन जिस प्रकार किया गया उससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात ”यूपी प्लस योगी बहुत है उपयोगी“ चरितार्थ हो गयी है।

व्यापार और उद्योग का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं रहा जिसके लिए निवेश न हुआ हो। मैनुफैक्चरिंग में 18.43 लाख करोड़, एग्रीकल्चर एंड एलाइड के लिए 4.94 लाख करोड, इंफ्रास्टक्चर के क्षेत्र में 2.63 लाख करोंड़, शिक्षा के क्षेत्र में 0.98 लाख करोड़, पर्यटन के क्षेत्र में 1.63 लाख करोड़, हेल्थ केयर के क्षेत्र में 0.35लाख करोड़, आई टी एंड इलेक्ट्रानिक्स के लिए 0.66 लाख करोड़ का निवेश प्राप्त हो गया है जो एक रिकार्ड है। क्षेत्रीय दृष्टि से पश्चिमांचल के लिए 14.81 लाख करोड़, पूर्वांचल के लिए 9.54 लाख करोड़. मध्यांचल के लिए4.27 लाख करोड़ और बुंदेलखंड के लिए 4.27 लाख करोड़ तक का निवेश प्राप्त हो गया है। निवेशकों की सर्वाधिक रूचि अयोध्या सहित विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों के विकास के लिए रही।गौतमबुद्ध नगर, आगरा, लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, झांसी, गाजियाबाद, सोनभद्र, शाहजहांपुर, मीरजापुर आदि दस जिलों को सर्वाधिक निवेश मिला।

ग्लोबल इन्वेसटर्स समिट मे भाग लेने आए सभी निवेशकों का मत रहा है कि कि भारत के लिए उत्तर प्रदेश आशा का केंद्र बन गया है।नोएडा से गोरखपुर और अयोध्या तक लोगों का उत्साह देखने को मिला।यूपी अब भारत का उत्तम प्रदेश बन रहा है। निवेशकों का कहना है कि भारत आज विश्व की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है और अमृत काल में भारत की प्रगति वैश्विक समृद्धि की भी नींव होगी और उत्तर प्रदेश स्वाभविक रूप से इसका अभिन्न अंग होगा। वर्तमान समय यूपी में निवेश के लिए सबसे उपयुक्त है।

आशा का नया केंद्र बना यूपी: मुकेश अंबानी

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि कानून व्यवस्था और ईज आफ डुडंग बिजनेस में सुधार के कारण यूपी नए भारत के लिए विकास का केंद्र बन गया है।उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए उद्योग और सहयोग दोनों की आवश्यकता है जिसे यूपी पूरी कर रहा है।उन्होंने इस अवसर पर घोषणा की कि दिसंबर तक प्रदेश के हर गांव में 5 -जी पहुंच जाएगा और साथ ही 75 हजार करोड़ के निवेश की भी बात कही।

सम्मेलन के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए आदित्य बिरला ग्रुप के कुमार मंगलम बिरला ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ईज आफ डुडंग बिजनेस को लेकर कई शानदर कदम उठाए हैं जिसके कारण यह निवेशकों के लिए आकर्षक प्रदेश बन गया है। उन्होंने उद्योगपतियां से प्रदेश में निवेश की अपील की है।आदित्य बिड़ला समूह ने प्रदेश में 25 हजार करेड़ का निवेश करने की बात कही है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उत्तर प्रदेश अब देश का ग्रोथ इंजन बनने को तैयार है।प्रदेश सरकार ने अपने लक्ष्य से तीन गुणा से अधिक निवेश प्राप्त करने में सफलता हासिल की है।उप्र को अब भारत के फूड बास्केट के रूप में जाना जाता है और यूपी खाद्यान्न, दूध, गन्ना, आलू, समेत अन्य कई वस्तुओं के उत्पादन में पहले स्थान पर है।

ग्लोबल इन्वेसटर्स समिट का सफल आयोजन ने दिखा दिया कि उत्तर प्रदेश नये भारत का ग्रोथ इंजन बनन में पूरी तरह सक्षम है।निवेश के दृष्टिकोण से यूपी देश का सबसे उत्तम प्रदेश बनने की राह पर है।प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने के संकल्प के दृष्टिगत सरकार ने समिट की सफलता के लिये जबर्दस्त तैयारी की और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों के साथ टीम के रूप में काम करके एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है।छह वर्ष के कार्यकाल में खराब कानून व्यवस्था और बीमारू राज्य कहलाने वाले यूपी की पीएम मोदी के मूल मंत्र, रिफार्म, परफार्म, ट्रांसफर्म को आत्मसात कर छवि बदली और दूरदर्शिता पूर्ण नीतियां लागू कर उद्यमियों को हर संभव सहूलियत और उनकी व उनके निवेश की सुरक्षा की शत प्रतिशत सुरक्षा की गारंटी दी।

सरकार के समक्ष अगला लक्ष्य यह है कि सभी एमओयू धरातल पर उतरें तथा जो सकारात्मक वातावरण बना है वह बना रहे। सबसे बड़ी बात यह है कि देश विदेश के 15 हजार से अधिक निवेशकों से अनुबंध होने के बाद एक करोड़ युवाओं को रोजगार मिलने की आशा जगी है। भारी निवेश व केद्र सरकार के सहयोग के कारण शीघ्र ही यूपी देश के उस इकलौते राज्य के तौर पर जाना जाएगा जहा पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे होंगें।

रोजगार की अपार संभावनाएं – ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट -2023 युवाओं के लिए बड़ा बदलाव लेकर आ रही है।इससे न केवल यूपी को बड़े पैमाने पर निवेश मिल रहा है बल्कि लाखों युवाओं का भविष्य भी संवरने जा रहा है। प्रदेश में हो रहे निवेश से लाखों नौकरियों की सौगात मिलने जा रही है।अब तक हो रहे निवेश से लगभग सात लाख नौकरियां युवाओं को मिलने का अनुमान है वहीं लगभग पौने दो करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार मिलेगा।इस निवेश से यूपी की अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी।योजना के समय सरकार ने इस आयोजन में करीब 17 लाख करोड़ के निवेश का अनुमानित लक्ष्य निर्धारित किया था जबकि तय समय से पूर्व ही यूपी सरकार को 22 लाख करोड़ प्रस्तावों से सरकार की उम्मीदें बढ़ गईं थी और आज परिणाम सभी के सामने हैं।निवेश के कारण युवाओं को यूएई , कनाडा, यूएस, नीदरलैंड, फ्रांस, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, बेल्जियम, स्वीडन, मेक्सिको ब्राजील, अर्जेंटीना, सिंगापुर और आस्ट्रेलिया आदि देशों की कम्पनियों में नौकरियां मिलने की सम्भावना है।

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