ओपिनियनताज़ा ख़बरसंपादक की पसंद

वैश्विक मंच पर प्रधानमंत्री की बढ़ती लोकप्रियता के साथ बढ़ती भारत की धमक

मृत्युंजय दीक्षित


अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व का प्रभाव निरंतर बढ़ रहा है और विश्व के लगभग सभी देश प्रधानमंत्री व भारत की ओर आशा की दृष्टि से देख रहे हैं। कोरोना महामारी की लड़ाई से थके हुए विश्व में अर्थ व्यवस्थाओं में मंदी और उसके करण उपजी नागरिक समस्याओं के साथ साथ रूस- यूक्रेन युद्ध सहित कई अन्य कारणों से तनाव व्याप्त है। किसी भी समय, किसी भी देश की एक गलती से धरती का बड़ा भाग परमाणु विध्वंस की चपेट में आ सकता है किन्तु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारत की वर्तमान कूटनीति ने स्थितियों को बिगड़ने से बचा रखा है।

रूस -यूक्रेन युद्ध के सन्दर्भ में भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा व उसके किसी भी मंच पर कभी रूस के विरुद्ध मतदान नहीं किया अपितु ऐसे हर प्रस्ताव के समय अनुपस्थित रहा किन्तु जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भेंट रूसी राष्ट्रपति पुतिन से हुई तो उन्होंने स्पष्ट रूप से पुतिन से कहा कि यह समय युद्ध का नहीं है। इसके बाद यूरोपियन समुदाय के सभी देशों के प्रमुख नेताओें ने प्रधानमंत्री के बयान का स्वागत व प्रशंसा की। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है किआज रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन दोनों ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा कर रहे हैं।

यह भारत की सुविचारित कूटनीति का ही परिणाम था कि रूस- यूक्रेन युद्ध के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के कारण कुछ समय के लिए युद्ध रूका और वहां फंसे भारतीय छात्रों की वापसी संभव हो सकी। छात्र वापस तो आ गए किन्तु रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण उनकी पढ़ाई में काफी नुकसान हुआ। अब एक कदम आगे बढ़कर रूस उन छात्रों के लिए एक बड़ा सहारा बनने जा रहा है। इन छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के लिए रूस ने एक प्रस्ताव दिया है।

भारत यात्रा पर आये रूस के महावाणिज्य दूत ओलेग अलदीब ने कहा कि यूक्रेन से निकले भारतीय छात्र अपनी मेडिकल की पढ़ाई रूस में पूरी कर सकते हैं। रूस में होने वाली मेडिकल की पढ़ाई का कोर्स लगभग एक जैसा ही है। इसके साथ ही छात्र रूसी भाषा भी सीख सकते हैं। रूस का कहना है कि भारत के छात्रों व नागरिकों के लिए हमारे दरवाजे सदा खुले हैं।
जो बाईडेन ने अमेरिका की सत्ता सँभालने के कुछ समय पश्चात अचानक अफगानिस्तान से अपनी सेना वापस बुलाने का निर्णय लिया, उसके बाद जब अगानिस्तान में तालिबान ने अपनी सरकार बना ली और अपना कानून लागू कर दिया तब विश्व का कोई भी देश तालिबान के खिलाफ एक शब्द भी बोलने कि हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था उस समय केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही तालिबान को विश्व शांति के लिए बड़ा खतरा बताते हुए अपना पक्ष रखा था।

तब उस समय दुनिया भर के जो नेता मौन थे उन्हें आज इस बात का एहसास हो गया है कि तालिबान में कोई बदलाव नहीं आया है और वह अब भी खूंखार बना हुआ है। अफगानिस्तान में लड़कियों का जीवन बर्बाद हो चुका है और उनकी शिक्षा व बाहर काम करने जैसे सपनों पर ग्रहण लग चुका है। बहुत दिनों के बाद अब तालिबान के मुद्दे पर दुनिया की आंखे खुली हैं और संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव पारित हुआ है, इस प्रस्ताव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को विशेष महत्व दिया गया है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने तालिबान पर अफगान महिलाओें तथा लड़कियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए यह प्रस्ताव पारित किया है । उसने तालिबान पर एक प्रतिनिधि सरकार स्थापित करने में नाकाम रहने तथा देश को गंभीर आर्थिक, मानवीय और सामाजिक स्थिति में डालने का आरोप लगाया है। प्रस्ताव में 15 महीने पहले अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद से देश में निरंतर हिंसा और अल कायदा तथा इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी समूहों के साथ ही विदेशी आतंकवादी लड़ाकों का भी उल्लेख किया गया है। 193 सदस्यीय सभा में 116 मतों से यह प्रस्ताव पारित हुआ।

रूस , चीन, बेलारूस, बुरूंडी, उत्तर कोरिया, इथियोपिया, गिनी, निकारागुआ, पाकिस्तान और जिम्बाबवे सहित 10 देश प्रस्ताव से दूर रहे। सुरक्षा परिषद की तुलना में महासभा के प्रस्ताव कानूनी रूप से बाध्य नहीं हैं लेकिन वे दुनिया की राय को दर्शाते हैं। सभा में यह प्रस्ताव जर्मनी राजदूत की ओर से रखा गया था। तालिबानियों का शासन आते ही भारत ने अलकायदा, इस्लामिक स्टेट, हक्कानी नेटवर्क जैसे खूंखार आतंकी समूहों से इनका गठजोड़ होने की आशंका जाहिर की थी अतः सभा में तालिबान के खिलाफ जो प्रस्ताव पारित हुआ है उसमें भारत द्वारा कही गई बातों और चेतावनियों को सही माना गया है।
यह भारत का ही दबाव है कि आज अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पाकिस्तान को दुनिया का सबसे खतरनाक देश मानने के लिए मजबूर हो रहे हैं। उधर दूसरी तरफ अमेरिका अगले वर्ष से भारतीय छात्रों व नागरिकों को अमेरिका आने के लिए वीजा प्रक्रिया में तेजी लाने पर भी राजी हो गया है जिसका सीधा लाभ भारतीयों को होने जा रहा है।

भारत के पड़ोसी शत्रु राष्ट्र पाकिस्तान की राजनीति का केंद्र बिंदु भी नरेंद्र मोदी ही बन गये हैं। पाकिस्तान में विरोधी दल के नेता व पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मोदी जी की विदेश नीति की तारीफ कर रहे हैं तो वहीं वहां के वर्तमान पीएम शाहबाज शरीफ भी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं लेकिन भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा व संरक्षण देता रहेगा तब तक पाकिस्तान के साथ कोई वार्ता संभव नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह लोकप्रियता है या फिर उनका खौफ है कि पाकिस्तान का मीडिया दिन में कम से एक बार तो उनकी कोई न कोई बड़ी खबर चलाता ही है चाहे वह अफवाहों पर आधारित ही क्यों न हो।

विगत दिनों मिस्र में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन में भी पूरी दुनिया की नजर भारत पर ही रही और फ्रांस के राष्ट्रपति ने वहां पर भारत की पर्यावरण संरक्षण की विभिन्न नीतियों का समर्थन किया।
दिसंबर 2022 से एक वर्ष के लिए भारत जी -20 समूह की अध्यक्षता करने जा रहा है वहीं दूसरी ओर अगले वर्ष जी -20 का शिखर सम्मेलन व अन्य कई बड़ी बैठकों का आयोजन भी भारत में ही होने जा रहा है यह हर भारतवासी के लिए बहुत ही गौरवमय क्षण होंगे। यह भारत के लिए एक बड़ा अवसर भी है जिसका उपयोग भारत में विदेशी निवेश व पर्यटन को बढ़ाने के लिए किया जायेगा।

वर्ष 2023 को सम्पूर्ण विश्व भारत के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष मनाने जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से पारित यह प्रस्ताव भारत की ओर से ही रखा गया था। भोजन में मोटे अनाज का सेवन स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण और आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुकूल होने के साथ साथ भारत की सांस्कृतिक विरासत का भी अभिन्न अंग है। भारत में विरोधी दलों के नेता भले ही सरकार पर यह आरोप लगाए कि मोदी राज में महंगाई, बेरोजगारी की दर तेजी से बढ़ रही है और रूपया रसातल में जा रहा है लेकिन अमेरिका से भारत दौरे पर आईं अमेरिका की ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृतव में भारत लगातार नई ऊचाईयों को छू रहा है।

अब भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओ में से एक है। इसमें किसी को भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए। हम महामारी के प्रभाव से निपट रहे हैं। मगर रूस यूक्रेन युद्ध के कारण पूरे विश्व की अर्थवयवस्था बिगड़ रही है। येलेन का कहना है कि अमेरिका और भरत के बीच द्विपक्षीय व्यापार सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुच गया है जो अभी और नई ऊचाईयां छुएगा।अमेरिका ने भारत में हरित हाईड्रोजन और सौर ऊर्जा जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं की सराहना की। आज पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है तथा हर वैश्विक चुनौती पर अपनी अंतिम रणनीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान व भारत सरकार की ओर से आ रही प्रतिक्रिया के बाद ही बनायी जा रही है।

रीडर न्यूज़

Live Reader News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

रीडर न्यूज़

Live Reader News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button