ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामला: वादी पक्ष ने सीलबंद प्रमाणित प्रतियां अदालत को लौटाई
- जिला अदालत ने लेने से किया इनकार, चार जुलाई को आवेदन पर आदेश पारित होगा
वाराणसी। ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में सर्वे का वीडियो लीक होने के बाद वादी पक्ष की महिलाओं ने अपने अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी के जरिये मंगलवार को जिला जज की अदालत में सीलबंद प्रमाणित प्रतियां लौटाईं लेकिन जिला जज ने इसे स्वीकारने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि इस मामले में 4 जुलाई को आवेदन पर आदेश पारित करेंगे।
वादी पक्ष की महिलाओं ने साजिश के तहत सर्वे का वीडियो और फोटो लीक होने का आरोप लगाया है। प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने न्यूज चैनल पर सर्वे का वीडियो वायरल होने की जांच कराने की अदालत से अपील की है। पक्षकारों की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर जिला जज की अदालत ने चार जुलाई को सुनवाई करने का मौखिक आदेश दिया।
उधर, लीक हुए वीडियो मामले में वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन ने मीडिया कर्मियों को बताया कि हमें सोमवार शाम करीब 6.30 बजे कोर्ट के जरिए सीलबंद लिफाफे में प्रमाणित कॉपी मिली। हमने शाम सात बजे एक पत्रकार वार्ता रखी और कहा कि यह अभी भी एक सीलबंद लिफाफे में है और हम इसे अदालत में वापस कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा मामला बहुत मजबूत है, हम अदालत के सामने साबित करेंगे कि मस्जिद को मंदिर तोड़कर बनाया गया था। हम अगली सुनवाई के लिए गुण-दोष तैयार कर रहे हैं। हमारे प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष द्वारा उठाए गए हर बिंदु के लिए हम तैयार हैं। जहां तक दीन मोहम्मद के फैसले का सवाल है, मेरा मानना है कि यह हम पर लागू नहीं होता, क्योंकि हिंदू इसके पक्षकार नहीं थे।
वीडियो लीक होने के मामले में वादी पक्ष के साथ ही पैरोकार विश्व वैदिक हिंदू सनातन संघ ने भी इस पर आपत्ति जताई है। प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष ने भी आपत्ति दर्ज कराई है। प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने भी अदालत में आपत्ति दर्ज कराने के साथ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने वीडियो दिखाने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की मांग की है।