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BBC की डॉक्यूमेंट्री पर बैन के खिलाफ याचिका, कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

बीबीसी (BBC) की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ सुनवाई करेगी. बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगाए जाने के खिलाफ एन राम, महुआ मोइत्रा, प्रशांत भूषण और अधिवक्ता एमएल शर्मा ने याचिकाएं दायर की थीं.

इन याचिकाओं में केंद्र द्वारा बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को चुनौती दी गई है. इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी. इन याचिकाओं में कहा गया है कि बीबीसी की डॉक्युमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ पर प्रतिबंध लगाने का केंद्र का फैसला मनमाना और असंवैधानिक है.

सरकार ने डॉक्यूमेंट्री पर लगाया प्रतिबंध

हाल ही में केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और यूट्यूब को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया था. विदेश मंत्रालय ने इसे ‘दुष्प्रचार सामग्री’ करार देते हुए कहा था कि इसमें निष्पक्षता की कमी है और औपनिवेशिक मानसिकता झलकती है. बता दें कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ साल 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए दंगों से संबंधित है. इस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

कई राज्यों में स्क्रीनिंग के बाद बवाल

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को लेकर पिछले कई दिनों से बवाल मचा हुआ है. कई राज्यों के यूनिवर्सिटीज में इसकी स्क्रीनिंग की गई. इसके बाद इसको लेकर काफी विरोध हुआ. भारत ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ का लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को 21 जनवरी को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे. इसके बाद बवाल और तेज हो गया. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस बैन के खिलाफ सरकार का विरोध किया. बैन के बाद भी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दो लिंक साझा किया था.

ये लोग SC का कीमती वक्त करते हैं बर्बाद- रिजिजू

कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि इस तरह वे शीर्ष अदालत के कीमती वक्त को बर्बाद करते हैं.

रिजिजू ने वरिष्ठ पत्रकार एन राम, वकील प्रशांत भूषण और अन्य द्वारा डॉक्यूमेंट्री पर पाबंदी लगाने के केंद्र के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर ट्विटर पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, इस तरह वे माननीय उच्चतम न्यायालय का कीमती वक्त बर्बाद करते हैं, जहां हजारों आम नागरिक न्याय का इंतजार कर रहे हैं और तारीखें मांग रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘झूठा प्रचार कब तक चल सकता है?

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