ताज़ा ख़बरदेश

यूक्रेन के सूमी में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर भारत चिंतित, विदेश मंत्रालय ने दी अनावश्यक जोखिम से बचने की सलाह

रूस और यूक्रेन की बीच जारी संघर्ष का आज 10वां दिन है. रूस की तरफ से यूक्रेन पर लगातार हमला किया जा रहा है तो वहीं यूक्रेन भी इसका माकूल जवाब दे रहा है. दोनों देशों के बीच जारी जंग कब खत्म होगी फिलहाल इसकी कोई गारंटी नहीं है. इस बीच भारत सरकार ने यूक्रेन के सूमी में फंसे भारतीय छात्रों के लिए चिंता जाहिर की है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि हम यूक्रेन के सूमी में भारतीय छात्रों को लेकर बहुत चिंतित हैं. हमारे छात्रों के लिए एक सुरक्षित गलियारा बनाने के लिए तत्काल युद्धविराम के लिए कई चैनलों के माध्यम से रूस और यूक्रेन की सरकारों पर जोरदार दबाव डाला जा रहा है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, हमने सभी भारतीय छात्रों को यूक्रेन में सतर्क और सुरक्षित रहने के लिए कहा है. सभी छात्र किसी सुरक्षित जगह पर रहें और अनावश्यक जोखिम ना उठाएं. विदेश मंत्रालय और हमारे दूतावास छात्रों से लगातार संपर्क में हैं. सूमी उन संघर्ष क्षेत्रों में से एक है, जहां रूसी और यूक्रेनी सेनाओं के बीच भीषण लड़ाई देखने को मिल रही है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को बताया था कि सूमी में करीब 700 भारतीयों के फंसे होने की जानकारी है.

11,000 भारतीयों की हो चुकी है सुरक्षित वापसी

गौरतलब है कि यू्क्रेनी हवाई क्षेत्र 24 फरवरी को रूस का सैन्य अभियान शुरू होने के बाद से ही बंद है. ऐसे में भारत यूक्रेन के पड़ोसी देशों-रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड से विशेष उड़ानों के जरिए अपने नागरिकों को निकाल रहा है. एयर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस, इंडिगो, गो फर्स्ट, स्पाइसजेट और एयर एशिया इंडिया द्वारा संचालित निकासी उड़ानों के अलावा भारतीय वायुसेना भी यूक्रेन से फंसे भारतीयों को वापस लाने में सरकार की मदद कर रही है. बता दें कि रूस के यूकेन पर हमला करने के बाद से ‘ऑपरेशन गंगा’ (Operation Ganga) के तहत अब तक केंद्र सरकार 11,000 भारतीयों की सुरक्षित वापसी करा चुकी है

12 लाख लोगों ने छोड़ा यूक्रेन

रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग की वजह से लाखों की संख्या में लोगों को पड़ोसी देशों में शरण लेने पर मजबूर होना पड़ा है. युद्ध की वजह से अभी तक 12 लाख लोगों ने देश छोड़ दिया है. ये देश की कुल आबादी का दो फीसदी हिस्सा है. यूक्रेन छोड़ने वाले इन लोगों में अधिकतर लोग बच्चे और महिलाएं शामिल हैं, क्योंकि देश की 18-60 उम्र की पुरुषों की आबादी के देश छोड़ने पर रोक लगाई गई है. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन के लोगों के देश छोड़ने की वजह से यूरोप में शरणार्थी संकट पैदा हो सकता है. यूक्रेन की दो फीसदी आबादी का मुल्क छोड़ना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे तेज गति से हुआ पलायन है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि 40 लाख लोगों को आने वाले वक्त में शरणार्थी मदद की जरूरत पड़ सकती है. ऐसे में आइए आपको बताएं कि किन मुल्कों में इन लोगों ने शरण ली है.

रीडर न्यूज़

Live Reader News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

रीडर न्यूज़

Live Reader News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button