ताज़ा ख़बरधर्म-आस्था

संवत्सरारम्भ के दिन ही ब्रह्मा जी ने की थी सृष्टि की रचना

  • प्रात: उठकर स्नान करें, सनातनी नववर्ष के पहले दिन करें आराधना, याचकों को दे दान

दुनिया भर में नया साल (कैलेंडर नववर्ष) एक जनवरी को मनाया जाता है। लेकिन भारतीय नववर्ष (संवत्सरारम्भ) चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन से शुरू होता है। भारतीय नववर्ष की शुरूआत सूर्य और चंद्रमा के अनुसार होती है। सनातनी मान्यता है कि विक्रमादित्य के काल में सबसे पहले भारतीय पंचाग (कैलेंडर) बना था। 12 महीनों का एक वर्ष और सप्ताह में सात दिन की शुरूआत इसी विक्रम संवत से हुई थी। विक्रम संवत को नव सवंत्सर भी कहा जाता है। इस बार संवत्सरारम्भ 2 अप्रैल से शुरू हो रहा है।

गुरुवार को सनातन संस्था के ‘गुरुराज प्रभु’ ने बताया कि संवत्सरारम्भ के दिन ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन प्रातः शीघ्र उठकर मांगलिक स्नान करते हैं। स्नान के बाद आम के पत्तों का बंदनवार बनाकर, लाल पुष्पों के साथ घर के प्रत्येक द्वार पर बांधना चाहिए। क्योंकि लाल रंग शुभ है। इसके बाद ‘वर्ष प्रतिपदा के दिन महाशांति के लिए ब्रह्मदेव की पूजा करना चाहिए। पूजा में उन्हें दौना (कटावदार तेज सुगंधवाला पत्ता) चढ़ाते हैं।

इसके बाद होम, हवन एवं ब्राह्मण संतर्पण करते हैं। फिर अनंत रूपों में अवतरित होने वाले भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। ‘नमस्ते ब्रह्मरुपाय विष्णवे नमः।’, इस मंत्र का उच्चारण कर उन्हें नमस्कार करते हैं एवं तत्पश्चात ब्राह्मणों को दक्षिणा देते हैं। संभव हो तो इतिहास, पुराण इत्यादि ग्रंथ भी ब्राह्मण को दान देते हैं। ऐसा करने से सर्व पापों का नाश होता है, शांति मिलती है, दुर्घटना नहीं होती, आयु बढ़ती है एवं धन-धान्य से समृद्धि होती है।

गुरूराज प्रभु ने बताया कि सूर्योदय के समय ब्रह्मध्वज खड़ी करना चाहिए। अपवादात्मक स्थिती में (उदा. तिथि क्षय) पंचांग देखकर ब्रह्मध्वज, हरा गीला 10 फुट से लम्बे बांस के ऊपर लाल या पीला रेशमी कपडा चुन्नट बना कर बांधें, साथ ही नीम की टहनियां, बताशे की माला तथा लाल फूलों की माला बांधें। फिर तांबे के कलश पर कुमकुम की 5 रेखा बनाकर बांस की ऊपरी सिरे पर उल्टा रखें। इस प्रकार सजे हुए ब्रह्मध्वज को डोरी से बांध कर खड़ी करें।

ब्रह्मध्वज घर के मुख्यद्वार के बाहर, देहली से संलग्न, भूमि पर दाईं ओर खड़ी करें । ध्वजा सीधे खडी न कर आगे की ओर कुछ झुकी हुई हो। ध्वजा के सम्मुख सुंदर रंगोली बनाएं। उन्होंने बताया कि संवत्सरारंभ के दिन भूमि पर हल चलाना चाहिए। जोतने की क्रिया से नीचे की मिट्टी ऊपर आ जाती है। मिट्टी के सूक्ष्म कणों पर प्रजापति तरंगों का संस्कार होने से धरती की बीज अंकुरित करने की क्षमता अनेक गुना बढ़ जाती है। खेती के उपकरण एवं बैलों पर प्रजापति तरंगें उत्पन्न करने वाले अक्षत मंत्र सहित डाले। खेत में काम करने वाले लोगों को नए कपडे देने चाहिए। इस दिन खेत में काम करने वाले लोग एवं बैलों के भोजन में पका हुआ कुम्हडा, मूंग की दाल, चावल, पूरन इत्यादि पदार्थ होने चाहिए।

सनातनी नववर्ष का राजा शनि, मंत्री गुरु

सनातनी नव संवत्सर का प्रारंभ शनिवार को हो रहा है। इसलिए इसके राजा शनि होंगे। मंत्री गुरु हैं। इस वर्ष के राजा व मंत्री में सम भाव है, परंतु शनि राजा होने से प्रजा को आर्थिक कष्टों से गुजरना होगा। राष्ट्र हित को बनाना बहुत जरूरी हो जाएगा। हिंदू नव संवत्सर का नाम नल रहेगा। इस नव संवत्सर में विक्रम संवत 2079 और शालिवाहन शक 1944 होंगे। इससे पूर्व राक्षस वर्ष का प्रारंभ संवत्सरारंभ के पूर्व ही हो चुका था। इसलिए संकल्पादि में इसका प्रयोग चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2 अप्रैल से किया जाएगा।

ज्योतिषविद मनोज उपाध्याय बताते हैं कि शनि के राजा होने से देश में उपद्रव, युद्ध, दंगे, मारकाट का वातावरण तैयार होता है। अनेक देशों में परस्पर तनाव व टकराव होता है। जनहानि व अकाल होते हैं। तूफान से जनधन हानि, कम वर्षा या वर्षा के साथ तेज हवाएं चलती हैं। पेयजल से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। राजनैतिक मतभेद सामान्य रहता है। न्याय तथा कार्यप्रणाली में सकारात्मक परिवर्तन होगा। इस वर्ष और महंगाई बढ़ेगी। उड़द, कोयला, लकड़ी, लोहा, कपड़ा, स्टील महंगे होंगे। किन्तु देवगुरु बृहस्पति के मंत्री होने से देश में अनाजों की अच्छी पैदावार, खूब वर्षा, शासन की लोकभाव नीतियों के कारण सर्वत्र प्रसन्नता रहती है। किंतु राजा शनि होने से इन फलों में न्यूनता ही रहेगी।

रीडर न्यूज़

Live Reader News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

रीडर न्यूज़

Live Reader News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button