अन्यओपिनियन

राहुल गांधी के बयानों से हो रही कांग्रेस की फजीहत

  • क्या अब राहुल गांधी पर कड़ी कार्यवाही का समय आ गया ?

मृत्युंजय दीक्षित


कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने आप को बहुत चतुर व सक्रिय राजनीतिज्ञ दिखाने की कोशिश कर रहे हैं । वह हर दिन अपने भाषणों और ट्वीट के माध्यम से अपना अदभुत ज्ञान देने का नया प्रयास करते हुए दिखाई पड़ते हैं। कांग्रेस पार्टी के सभी नेता जो केवल जी हुजूरी के बल पर अपनी राजनैतिक दुकान चला रहे हैं वह उनकी हां में हां ही मिलाते रहते हैं जिसके कारण आज कांग्रेस पूरे देशभर से साफ होने के लिए तत्पर हो गयी है। आने वाले समय में पंजाब कांग्रेस के हाथ से फिसल जायेगा और फिर उसके बाद जिन राज्यों में कांग्रेस की बची खुची सरकारें हैं वह भी चली जायेंगी, लेकिन राहुल गांधी हैं कि मानते नहीं। लगता है, राहुल कांग्रेस को पूरी तरह से डुबाकर ही मानेंगे।

राहुल गांधी या तो एकदम अपरिपक्व नेता हैं या फिर बड़े षड्यंत्रकारी जो सुनियोजित रूप से घातक व विकृत बयानबाजी कर रहे हैं। अब देश की जनता राहुल गांधी की बार -बार होने वाली गुप्त विदेश यात्राओं का सच जानना चाहती है, वह उनके भाषणों की पड़ताल करना चाहती है और उनकी सच्चाई जानकर उन्हें कड़ी सजा देने का भी मन बना रही है। राहुल जब भी सदन में बोलने खड़े होते हैं तो कोई न कोई विवाद पैदा करते हैं लेकिन इस बार का विवाद कुछ अधिक ही खतरनाक है और अब उन पर कड़ी कार्यवाही का समय आ गया है। राहुल गांधी अब भारात को एक राष्ट्र भी नहीं मान रहे है। उनके कथनों से क्या देशवासी सहमत हो जायेंगे , संभवत : नहीं क्योकि लोग राहुल को एक मूर्ख नेता मान रहे हैं।

संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में बहस चल रही है जिसमें कांग्रेस की ओर से बोलते रौल गाँधी ने जो भाषण दिया है उससे पता चल रहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी व कांग्रेस पार्टी के लिए एक गंभीर लाइलाज बीमारी हो गये हैं और जब -जब कांग्रेस उन्हें रीलांच करने का प्रयास करती है वह फिर से कांग्रेस को ही धड़ाम कर देते हैं। राहुल गांधी के भाषण से अब देश की जनता व प्रबुद्धवर्ग को केवल हंसी नहीं आती है बल्कि दुःख भी होता है दुख इसलिए होता है क्योकि उनके भाषणों को चीन और पाकिस्तान में बैठे भारत विरोधी शत्रुओं द्वारा पसंद किया जाता है और भारत के अंदर टुकड़े -टुकड़े गैंग व हम लेकर रहेंगे आजादी के नारे लगाने वाले लोगो को भी ये पसंद आता है। राहुल गांधी देश के नहीं लेकिन से टुकडे- टकड़े गैंग के नायक अवश्य बन चुके हैं।

राहुल के इस बार सदन के भाषण से स्पष्ट है कि वह भारत के प्रति एक विकृत नफरत से भरे हुए हैं जो केवल भारत को बर्बाद होता हुआ और विदेशी सोच का गुलाम बनता हुआ देखना चाहती है । राहुल गांधी का भाषण हल्के में नहीं लिया जा सकता अपितु अब समय आ गया है कि समय रहते हुए उनके खिलाफ संविधान के दायरे में कड़ी कार्यवाही की जाये। राहुल गांधी का संसद में दिया गया भाषण भारतीय संस्कृति, सभ्यता व पहचान के खिलाफ है। राहुल गांधी का भाषण संसदीय मर्यादाओं का भी घोर उल्लंघन है। राहुल गांधी ने सर्वोच्च अदालत व चुनाव आयोग का अपमान किया है और अपने भाषण में उन्होंने पेगासस का भी उल्लेख कर दिया वह भी तब जबकि सुप्रीम कोर्ट की की निगरानी में एक कमेटी पूरे मामले की जांच कर रही है।

राहुल गांधी का भाषण तब और अधिक गंभीर मामला बन जाता है जब वह यह कहते हैं कि मोदी सरकार की विदेश नीति की वजह से चीन और पाकिस्तान एक हो गये और फिर उसके बाद एक अमेरिकी राजनायिक को मैदान में उतरकर कहना पढ़ता है कि वह राहुल गांधी के बयान से कतई सहमत नहीं हो सकते। राहुल गांधी को विदेश नीति पर बोलने से पले अपनी ही पार्टी के बुजुर्ग नेताओं से सलाह लेकर बोलना चाहिए था क्योंकि पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने ही उनको करारा जवाब देते हुए कहाकि चीन और पाकिस्तान के बीच करीबी जवाहर लाल नेहरू के जमाने से है। इतना ही नहीं , नेहरू के समय ही देश की चीन नीति विफल हो गई थी। नटवर सिंह ने कहाकि उन्हें आश्चर्य है कि राहुल गांधी को सही तथ्यों से अवगत नहीं कराया गया।

सदन में राहुल के ताज़ा बयान से यह एक बार फिर से स्पष्ट हो गया है कि क्यों राहुल गांधी जैसे लोग सत्ता से जितना दूर रहेंगे, देश के लिए उतना ही अच्छा रहेगा। राहुल गांधी सदन में चीन पाक दोस्ती पर ही नहीं अपितु देश के अंदर केद्र व राज्य सम्बंधों पर भी बोले वह तो और भी अधिक खतरनाक था। केंद्र व राज्यों पर संबंध के विषय में उनके विचार भारतीय संविधान की मूल आत्मा पर करारा प्रहार है उन्होंने संसद की गरिमा और अधिकारों को तार -तार कर दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र राज्यों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता और उन्होंने बहुत ही कुटिलता के साथ उन सभी राज्यों का अपमान कर डाला है जहां पर कांग्रेस की सरकारे नहीं है।

वह अपने भाषण में केरल, राजस्थान की विचारधारा को बहुत अच्छा बता रहे हैं। वह तमिलनाडु की विचारधारा को भी अच्छा बता रहे हैं और फिर पंजाब के किसानों की बहादुरी की प्रशंसा करते हैं। उनके विचार से केवल इन्हीं राज्यों में प्यार है, धर्म है और संस्कृति है। वह कहते है कि केंद्र इन राज्यों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता अर्थात अपने कानूनों को नहीं लाद सकता । राहुल की नजर में भारत एक राष्ट्र नहीं अपितु कई राज्यों का एक समूह है और यही बयान बहुत ही आपत्तिजनक बयान है।

राहुल गांधी के बयान के खिलाफ पूरे भारत में एक वैचारिक तूफान खड़ा होना चाहिए क्योंकि राहुल गांधी वास्तव में भारत की तुलना भूतपूर्व सोवियत संघ की तरह कर रहे हैं जो अपनी गलत वामपंथी नीतियों के कारण कई टुकड़ों में विभक्त हो गया। राहुल गांधी कह रहे हैं कि केंद्र राज्य में हस्तक्षेप नहीं कर सकता जबकि वास्तविकता यह है कि आज विगत 70 सालों की राजनीति में सबसे अधिक 93 बार राज्यों में हस्तक्षेप उनके स्वर्गीय नाना नेहरू जी से लेकर उनकी दादी श्रीमती इंदिरा गांधी सहित सभी कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों के द्वारा की गयी है। राहुल गांधी की बात मानें तो देश को आजादी केवल और केवल नेहरू जी की वजह से मिली और उनकी दादी इंदिरा गांधी को 32 गोलियां मारी गईं और उनके पिता राजीव गांधी को विस्फोट से उड़ा दिया गया। उनकी नजर में पूरा राष्ट्र केवल इन्हीं तीन लोगों में समाया हुआ है और इन्हीं से विकसित व पल्लवित हुआ है।

राहुल गांधी भाषण देते समय इतना बहक गये कि उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ,चुनाव आयोग और पेगासस ये वो माध्यम हैं जिनका इस्तेमाल प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने लोगों की आवाज को दबाने के लिए किया। राहुल गांधी के न्यायपालिका पर दिया गया बयान बहुत घातक हैं , विगत सात वर्षो से देश की न्यायपालिका ने कई ने राफेल में घोटाले सहित कई दूसरी जनहित याचिकाओं को सिरे से खारिज कर दिया है जिसके कारण गाँधी परिवार व झूठ पर आधारित जनहित याचिकाओं का काला करोबार करने वाले वकीलों की कमाई पर तुषारापात हो चुका है। पूरे देश ने देखा कि कोरोना काल की आड़ में देश का विकास रोकने के लिए किस प्रकार की विकृत याचिकाएं अदालतों में पेश की जाती रहीं।

वास्तविकता यह है कि देश की न्यायपालिका का सर्वाधिक दुरूपयोग राहुल गांधी की दादी स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने किया था और उन्होंने अपनी कुर्सी को बचाने के लिए और उनकी जासूसी भी की जा रही थी। रही बात जासूसी की तो वह बीमारी भी सर्वाधिक नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक ही रही थी। राहुल गांधी की दादी श्रीमती इंदिरा गांधी का शासन तो विरोधियों की जासूसी के सहारे ही चल रहा था। राहुल गांधी अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजा व शहंशाह कह रहे हैं। उनकी यह बात भी मूर्खतापर्ण है क्योंकि राहुल गांधी को यह नहीं पता कि अब भारत ही नहीं अपितु पूरी दुनिया में राजतंत्र इतिहास के पन्ने में ढेर हो चुका है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी सदन में एक वंशवादी राजा की तरह भाषण दे रहे थे और आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगा रहे थे। वास्तव में राहुल गांधी अपने परिवार व दल के ही राजा हैं और वह उसी तरह का व्यवहार कर रहे हैं जिसे देश की जनता अब नकार चुकी है। राहुल गांधी का सदन में दिया गया भाषण वास्तव में उनकी वंशवादी परंम्परा व तानाशाही मानसिकता का ही दर्शन करा रहा है। देश के अंदर तानाशाही, वंशवादी और चाटुकारिता का सिक्का नेहरू जी से लेकर श्रीमती इंदिरा गांधी तक चलता रहा। इंदिरा गांधी का पराभव न्यायपालिका ने तो राहुल का पतन विधायिका और देश की जनता ने कर दिया है।

रीडर न्यूज़

Live Reader News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

रीडर न्यूज़

Live Reader News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button