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तेज हवा और झमाझम बारिश से ऐतिहासिक इमामबाड़ा का गुम्बद गिरा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ऐतिहासिक इमामबाड़ा का एक बड़ा हिस्सा सोमवार देर रात भारी बारिश के बाद गिर गया। आसिफी इमामबाड़े में भूल भुलैया के ऊपर का गुम्बद गिर गया। गुम्बद के मलबे की चपेट में आए एक गाइड मुशीर घायल हो गया। झमाझम बारिश की वजह से अधिक पर्यटकों के मौजूद न होने से एक बड़ा हादसा होने से बच गया। एएसआई के अधिकारियों को घटना की सूचना दे दी गई है।

मंगलवार से गुम्बद की मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा। बेगमात रॉयल फैमिली ऑफ अवध की अध्यक्ष प्रिंसेस फरहाना मालिकी ने इमामबाड़े की बुर्जी गिरने पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने हुसैनाबाद ट्रस्ट और एएसआई पर ऐतिहासिक इमामबाड़े की देखरेख न करने का आरोप लगाया। राजधानी लखनऊ में सोमवार को भारी बारिश हुई। जमकर तेज हवाएं चलीं।

भारी बारिश से दीवार गिरा

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद आफताब हुसैन ने कहा कि,, स्मारक के उचित रखरखाव के बावजूद भारी बारिश के दौरान दीवार गिर गई। घटना की सूचना मिलने के तुरंत बाद, साइट प्रभारी ने क्षेत्र का दौरा किया। उनके द्वारा दिए गए इनपुट के आधार पर, इंजीनियर जाएंगे और हुए नुकसान को देखेंगे। साथ ही इसकी एक रिपोर्ट भी सौपेंगे। इसके बाद, इसे बहाल किया जाएगा। हालांकि, कार्यकर्ताओं ने कहा है कि, खराब रखरखाव के कारण इमारत कमजोर हो गई और इसके चलते एक हिस्सा ढह गया।

कई बार एएसआई को सूचित किया गया: हेरिटेज एक्टिविस्ट

हेरिटेज एक्टिविस्ट मोहम्मद हैदर ने कहा, हमने कई बार एएसआई को सूचित किया है लेकिन इतनी शिकायतों के बावजूद एएसआई द्वारा संरचना को मजबूत बनाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई।

बेगमात रॉयल फैमिली नाराज

बेगमात रॉयल फैमिली ऑफ अवध की अध्यक्ष प्रिंसेस फरहाना मालिकी ने इमामबाड़े की बुर्जी गिरने पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने हुसैनाबाद ट्रस्ट और एएसआई पर ऐतिहासिक इमामबाड़े की देखरेख न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, अल्लाह का शुक्र है कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है। अगर प्रदेश सरकार ऐतिहासिक धरोहरों की देखभाल नहीं करेगी तो आने वाली नस्लें ऐतिहासिक इमारतों को सिर्फ इतिहास के पन्नों में ही देखने को मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने बुर्जी की मरम्मत जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की।

 

आसिफी इमामबाड़े कब बना जानें

लखनऊ में स्थित आसिफी इमामबाड़े जिसे 1784 में अवध के नवाब आसफ.उद.दौला ने बनाया था। यह निजामत इमामबाड़ा के बाद दूसरा सबसे बड़ा इमामबाड़ा है।

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