उद्यान मंत्री ने कृषि प्रौद्योगिकी को हिन्दी में छपवाकर जन-जन तक पहुंचाने का किया आह्वान
- दिनेश प्रताप सिंह ने ’’प्रौद्योगिकी संग्रहालय’’ का किया शुभारम्भ
लखनऊ। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बुधवार को रहमानखेड़ा स्थित केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के 39वां स्थापना दिवस के अवसर पर प्रौद्योगिकी संग्रहालय का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संग्रहालय से किसानों को अच्छी फसल के लिए नवीनतम जानकारी दी जायेगी, ताकि वे अपने उत्पाद को बढ़ाकर अपनी आय में वृद्धि कर सकें।
इस अवसर पर प्रदेश के उद्यान मंत्री ने संस्थान के “प्रौद्योगिकी संग्रहालय” का उद्घाटन करते हुए कहा कि संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियों की सराहना की। उन्होंने इन प्रौद्योगिकियों को सरल हिन्दी भाषा छपवाकर प्रसार पत्र या फोल्डर को ग्राम प्रधानों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। उन्होंने संस्थान द्वारा जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में विकसित तकनीकों, फलों की नई नई क़िस्मों, सुधार तकनीक, उपेक्षित फलों और अन्य कार्यों व उपलब्धियों की भूरि भूरि प्रशंसा की।
मलिहाबाद क्षेत्र की विधायक जय देवी कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। इस अवसर पर विधायक जय देवी ने अनुसूचित जाति परियोजना के लाभार्थियों को किट का वितरण किया। इस किट में किसानों को एक आम तोड़क यंत्र, सूक्ष्म पोषक तत्व मिश्रण और जैव उत्प्रेरक दिया गया।
इस अवसर पर “आम का तुड़ाई उपरांत प्रबंधन” विषय पर एक किसान गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। संस्थान की कार्यकारी निदेशक डॉ नीलिमा गर्ग ने संस्थान के विकास यात्रा की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए संस्थान द्वारा आम, अमरूद, बेल, जामुन आदि फलों की नवीनतम क़िस्मों, फल उत्पादन, सुरक्षा और तुड़ाई उपरांत प्रबंधन और परीक्षण द्वारा विकसित विभिन्न मूल्य संवर्द्धित उत्पादों की चर्चा की।
वहीं अपने संबोधन में संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ पी.एल. सरोज ने संस्थान के प्रौद्योगिकी संग्रहालय के बारे में विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर किसान गोष्ठी में राज्य कृषि प्रबंध संस्थान के निदेशक डॉ पंकज त्रिपाठी, डॉ विशाल नाथ, डॉ अनिल वर्मा ने विविध विषयों पर किसानों को संबोधित किया। कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिकों, कर्मचारियों के अलावा क्षेत्र के लगभग 100 किसानों ने भाग लिया।