पीएम आवास के लिए पात्रता की शर्तों को वाल राइटिंग से दर्शाने के निर्देश
- -उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने की ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा
- -ग्राम चौपालों का दो माह का एडवांस रोस्टर जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराने का निर्देश
- -मंडल स्तर पर सभी सीडीओ व बीडीओ की बैठक करेंग उप मुख्यमंत्री
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम विकास विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता व अपात्रता की शर्तें व मानको को पंचायत भवनों, विकास खंडों व सार्वजनिक स्थलों पर वाल राइटिंग करके दर्शाया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इससे लोगों के मन में कोई भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी।
ग्राम चौपालों पर विशेष रूप से फोकस करने के निर्देश देते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम चौपालों का 2 माह का एडवांस रोस्टर सभी जनप्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराते हुए उन्हें चौपालों में आमंत्रित किया जाए। खंड विकास अधिकारी रोस्टर की प्रति सभी जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराएं तथा उन्हें मुख्यालय से भी मेल किया जाए व व्हाट्सएप पर भी अवगत कराया जाए। उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य सोमवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में ग्राम्य विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह स्वयं भविष्य में मंडल स्तर पर सभी सीडीओ व बीडीओ की बैठक करेंगे।
श्री मौर्य ने निर्देश दिए कि जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी प्रत्येक माह सभी खंड विकास अधिकारियों व ब्लॉक प्रमुखों की बैठक आयोजित करें तथा उसकी रिपोर्ट मुख्यालय भेजवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक माह ब्लॉक प्रमुखों की अध्यक्षता में खंड विकास अधिकारी की उपस्थिति में सभी प्रधानों व ग्राम पंचायत अधिकारियों की बैठक आयोजित करें, जिसमें एक जिला स्तरीय अधिकारी की भी सहभागिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि ब्लाक प्रमुख और खंड विकास अधिकारी के बीच संवादहीनता की स्थिति न रहे। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ग्राम चौपालों की सूचना रूरलसॉफ्ट पर उसी दिन अनिवार्य रूप से फीड कराई जाए।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मनरेगा से नेपियर घास लगाने की कार्यवाही की जाए, इससे गोवंश को चारा उपलब्ध हो सकेगा। क्षेत्र पंचायत स्तर पर मनरेगा के कार्य को नियमानुसार व प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए व यथासंभव बड़े कार्यों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने मनरेगा कन्वर्जेंस से प्रदेश में 150 हाईटेक नर्सरी की स्थापना के कार्यों की जानकारी हासिल करते हुए कहा कि इस कार्य में तेजी लाई जाए। टीएचआर प्लांटों की स्थापना की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि सभी 204 टीएचआर प्लांट मई माह तक अनिवार्य रूप से स्थापित करा दिए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अन्य प्रदेशों में लगे टीएचआर प्लांट (टेक होम राशन प्लान्ट) का अध्ययन व अवलोकन करने के लिए टीम भेजी जाए।
प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभार्थियों को मिलें सभी बुनियादी सुविधाएं
प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभार्थियों को सभी बुनियादी सुविधाएं जैसे -आवास योजना के लाभार्थी को 90 दिन का मनरेगा में रोजगार, ,निशुल्क विद्युत कनेक्शन, निशुल्क गैस कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड आदि उपलब्ध कराने का भी निर्देश उन्होंने दिया। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी आवास निर्धारित मानकों के अनुरूप बनवाए जाएं, जिनमें किचन की भी व्यवस्था रहे।
दिसंबर तक तीन लाख नये स्वयं सहायता समूहों का हो गठन
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के क्रियाकलापों की समीक्षा करते हुए उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दिसंबर 2023 तक 03 लाख नये स्वयं सहायता समूह गठित किये जांय। जिला व विकास खंड स्तर पर कर्मचारियों व अधिकारियों की समस्याओं के हर संभव समाधान को सुनिश्चित करने का भी उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया। साथ ही ग्राम्य विकास विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सक्रिय करने का निर्देश दिया।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि स्वयं सहायता समूह से अमृत सरोवरों की रखवाली के लिए अमृत सरोवर सखी बनाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। ग्राम्य विकास के लिए आवंटित बजट का समय से सदुपयोग किया जाना सुनिश्चित किया जाए। इसकी डे-टू-डे मानिटरिंग की जाए। श्री मौर्य ने कहा कि जी-20 की तर्ज पर वाराणसी, आगरा, नोएडा व लखनऊ में 20-20 गांवों में सभी पैरामीटर्स पर विकास कार्य कराए जाएं और इन्हें आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जाए।
समीक्षा के दौरान ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी द्वारा बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में 8,60,000 आवास स्वीकृत कर दिए गए हैं। बैठक में प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास विभाग हिमांशु कुमार, ग्राम्य विकास आयुक्त जीएस प्रियदर्शी, यूपीआरआरडीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक श्रीमती सी0 इंदुमती सहित अन्य उच्चाधिकारी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।