सपा विधायक के चाचा ने अब तक नहीं दिया एक करोड़ 33 लाख गृह कर, नगर निगम ने जारी किया नोटिस
- बड़े बकाएदारों में कई नेता, वसूली की तैयारी में जुटा प्रशासन
कानपुर। सपा विधायक इरफान सोलंकी के चाचा इकबाल सोलंकी समेत 300 से अधिक लोग नगर निगम कानपुर का गृह कर के बड़े बकायेदार हैं। राजनेताओं का संरक्षण होने की वजह से करोड़ों रुपये नगर निगम का नहीं मिल पाया है। सूबे की सत्ता में परिवर्तन होने के बाद से नगर निगम प्रशासन अब बड़े बकायेदारों को नोटिस देने के साथ उनकी संपत्ति कुर्क एवं नीलामी की तैयारी कर चुका है।
कानपुर नगर निगम के जोन दो और तीन से इनके साथ ही 387 बकाएदारों को संपत्ति की कुर्की और नीलामी का नोटिस दिया गया है। इतना ही नहीं किदवई नगर स्थित पोस्ट ऑफिस भी बकाएदार है। उस पर एक करोड़ से ज्यादा हाउस टैक्स बकाया है। इसे भी नोटिस भेजा गया है। इसके अतिरिक्त 10 गेस्ट हाउस, 12 कारखाने और इनके मालिकों को नोटिस भेजा गया है।
नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन का कहना है कि अभी तक जोन दो और तीन के एक लाख से बड़े संपत्ति कर बकायादारों को कुर्की और नीलामी का नोटिस दिया गया है। अगर तय की गई तिथियों से पहले बकाया नहीं चुकाते हैं तो कार्रवाई की जाएगी। अभी अन्य चार जोन के बकाएदारों के नाम प्रकाशित कराए जाएंगे।
नगर निगम के कुछ बड़े बकाएदार हाजी इकबाल सोलंकी एक करोड़ 33 लाख रुपये,जगदंबा गेस्ट हाउस(अरुणा तोमर)10 लाख 81 हजार रुपये, खालिद अमीन खां जाजमऊ एक करोड़ 36 लाख रुपये, सुमित महाना (काजीखेड़ा) एक लाख रुपये, परिणय मैरिज लॉन, श्याम नगर दो लाख 79 हजार रुपये, नौशाद, इरशाद जाजमऊ ब्लॉक ए 43 लाख 68 हजार रुपये, शीतला एक्सपोर्ट दो लाख 19 हजार रुपये,रहमान इंडस्ट्रीज, जाजमऊ तीन लाख 56 हजार रुपये, रहमान इंडस्ट्रीज-2 जाजमऊ एक लाख सात हजार रुपये, अख्तर हसन, जाजमऊ 26 लाख 95 हजार रुपये समेत 387 से अधिक बकाएदार हैं।
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि वसूली के लिए कोई ढील नहीं दी जाएगी, बकाएदारों के बैंक खातों को सीज करने की चेतावनी दी गई है। अब अगर बकाएदारों को रकम तत्काल चुकानी है तो बकाया तिथि से 1% मासिक ब्याज भी देना होगा। अरुणा तोमर और उनके बेटे को नोटिस शिवकटरा स्थित जगदंबा गेस्ट हाउस पर बकाया हाउस टैक्स की वजह से दिया गया है।
इरफान सोलंकी के खिलाफ कसता जा रहा है सिंकजा
इकबाल सोलंकी को भवन संख्या 102/88 ए (जाजमऊ) के लिए नोटिस भेजा गया है। सभी की संपत्तियों की कुर्की की अलग-अलग तिथियां तय की गई हैं, जो जनवरी से लेकर मार्च तक हैं।