उत्तर प्रदेशलखनऊ

मायावती का समाजवादी पार्टी पर आरोप, कहा- सपा ने 17 अति पिछड़ी जातियों को आरक्षण से वंचित किया

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) पर राज्य की 17 अति पिछड़ी जातियों को आरक्षण से वंचित करने का आरोप लगाया। मायावती ने लखनऊ में एक बयान जारी कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाते हुए सपा को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, “सपा ने 17 अति-पिछड़ी जातियों को ओबीसी वर्ग (अन्य पिछड़ा वर्ग) की सूची से हटाकर एससी (अनुसूचित जाति) वर्ग में शामिल करने का गैर-संवैधानिक कार्य कर इन वर्गों के लाखों परिवारों को ओबीसी आरक्षण से वंचित कर दिया।”

बसपा सुप्रीमो ने कहा, “ऐसा करने का अधिकार नहीं होने के बावजूद (तत्कालीन) सपा सरकार द्वारा यह गलत कदम उठाने से वे सभी जातियां न तो ओबीसी में ही रह पाईं और न ही उन्हें एससी में शामिल किया जा सका।” उन्होंने कहा, “इस कदम को लेकर सपा सरकार को अदालत की फटकार भी लगी, जबकि बसपा सरकार में एससी और एसटी (अनुसूचित जनजाति) के साथ-साथ अति-पिछड़ों व पिछड़ों को भी आरक्षण का पूरा हक एवं आदर-सम्मान दिया गया।” मायावती ने आरोप लगाया, “सपा की सरकारों ने अति-पिछड़ों को पूरा हक न देकर उनके साथ हमेशा छल करने का काम किया। सपा ने पदोन्नति में एससी-एसटी आरक्षण खत्म कर दिया।

पार्टी ने संसद में इससे संबंधित विधेयक की प्रति फाड़ दी और उसे पारित भी नहीं होने दिया।” गौरतलब है कि दिसंबर 2016 में तत्कालीन सपा सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों-कहार, कश्यप, केवट, निषाद, बिंद, भर, प्रजापति, राजभर, बाथम, गौर, तुरा, मांझी, मल्लाह, कुम्हार, धीमार और मछुआ को अनुसूचित जाति में शामिल करने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा था। हालांकि, केंद्र ने इस पर अपनी मुहर नहीं लगाई थी।

इससे पहले, मार्च 2013 में सपा की सरकार में उत्तर प्रदेश विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से राज्य की 17 जातियों को अनुसूचित जाति (एससी) श्रेणी की सूची में शामिल करने के लिए कहा था। वर्ष 2004 में भी तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार ने भी राज्य मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पारित किया था और दिसंबर 2004 में इन जातियों को एससी सूची में शामिल करने के लिए केंद्र को सिफारिश भेजी थी। बाद में इसी सरकार ने अक्टूबर 2005 में इन जातियों को अनुसूचित जाति का लाभ देते हुए एक सरकारी आदेश जारी किया, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।

मायावती ने कहा, “आरक्षण को लागू करने को लेकर संविधान बनने से लेकर आज तक चुनौती बनी हुई है। कांग्रेस, भाजपा और सपा सहित कोई भी विरोधी पार्टी आरक्षण के साथ इस संवैधानिक उत्तरदायित्व के प्रति ईमानदार नहीं है। यही आज तक का कड़वा इतिहास है।” उन्होंने कहा, “एससी-एसटी आरक्षण को लागू करने के मामले में ही नहीं, बल्कि ओबीसी आरक्षण को लेकर भी इन पार्टियों का अति जातिवादी व क्रूर रवैया देखने को मिला है।

रीडर न्यूज़

Live Reader News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

रीडर न्यूज़

Live Reader News Media Group has been known for its unbiased, fearless and responsible Hindi journalism since 2019. The proud journey since 3 years has been full of challenges, success, milestones, and love of readers. Above all, we are honored to be the voice of society from several years. Because of our firm belief in integrity and honesty, along with people oriented journalism, it has been possible to serve news & views almost every day since 2019.

संबंधित समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button