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उप्र में 1440 छात्रों को अटल आवासीय विद्यालयों में मिलेगा प्रवेश

  • सीएम योगी के निर्देश पर आगामी सेशन में 18 मंडलों में खुलेंगे अटल आवासीय विद्यालय
  • -प्रत्येक अटल आवासीय विद्यालय में 80 छात्रों को दिया जाएगा प्रवेश
  • अब तक सात अटल आवासीय विद्यालय बनकर हो चुके हैं तैयार
  • प्रिंसिपल एवं स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया भी जल्द होगी शुरू

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आगामी एकेडमिक सेशन में 1440 छात्रों को अटल आवासीय विद्यालयों में प्रवेश देगी। प्रत्येक विद्यालय में दो सेक्शन में कुल 80 छात्रों को प्रवेश दिए जाने की तैयारी है। इसके लिए प्रदेश के विभिन्न 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालय तैयार किए जा रहे हैं। इनमें से 7 बनकर पूरी तरह तैयार हैं। यदि किसी वजह से समय पर बाकी विद्यालय तैयार नहीं हो सके तो बाकी बच्चों को करीब के फंक्शनल आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिलाया जाएगा।

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के समक्ष हुई हाई लेवल मीटिंग में यह जानकारी दी गई है। प्रिंसिपल एवं स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया भी जल्द शुरू कर दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कहा था कि अटल आवासीय विद्यालय के निर्माण की बड़ी कार्रवाई को सरकार ने अपने हाथों में लिया है। प्रदेश के सभी मंडलों में अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किए जाने की कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। प्रथम चरण में प्रदेश की 18 कमिश्नरी में 18 अटल आवासीय विद्यालय प्रदेश में स्थापित करने जा रहे हैं। प्रदेश की 18 कमिश्नरी मुख्यालय पर 12 से 15 एकड़ के क्षेत्रफल में ये विद्यालय बनेंगे।

जून 2023 तक पूरी होगी प्रवेश प्रक्रिया

छात्रों का चयन स्टेट रिजर्वेशन पॉलिसी के अनुसार किया जाएगा। शुरुआती वर्षों में छात्रों का चयन सीबीएसई के द्वारा किया जाएगा, जबकि बाद में मंडल संचालन समिति छात्रों का चयन करेगी। फिलहाल एडमिशन पॉलिसी का प्रॉसेस पूरा हो चुका है। शासन से अप्रूवल मिलने के बाद नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा और फिर एग्जाम के जरिए चुनिंदा छात्रों की काउंसिलिंग के माध्यम से फाइनल एडमिशन किया जाएगा। संभावना है कि मई 2023 में एग्जाम कंडक्ट कराया जा सकता है और जून 2023 में फाइनल एडमिशन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी।

सीबीएसई के जरिए सेलेक्ट होगा परमानेंट स्टाफ

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि आगामी सेशन के लिए स्टाफ का सेलेक्शन भी जल्द किया जाएगा। परमानेंट स्टाफ का सेलेक्शन सीबीएसई के जरिए होगा। प्रत्येक स्कूल में एक प्रिंसिपल, एक एडमिन और 11 टीचर्स का स्टाफ होगा। टेंपरेरी स्टाफ के लिए प्रिंसिपल की जो अर्हता रखी गई है, उसके अनुसार अभ्यर्थी नवोदय या सैनिक स्कूल के प्रिंसिपल पद से रिटायर हुआ हो। 60 से 65 की उम्र के बीच अभ्यर्थी का स्वास्थ्य भी अच्छा होना चाहिए।

इसी तरह एडमिन के लिए एक्स आर्मी गजटेड ऑफिसर होना अनिवार्य है। उम्र 50 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसी तरह टीचर्स के लिए नवोदय, सैनिक स्कूल, केवी स्कूल या माध्यमिक के टीचर पद से रिटायर अभ्यर्थी को ही योग्य माना जाएगा। इनकी उम्र भी 60 से 65 के बीच होनी चाहिए। एड-हॉक रिक्रूटमेंट अप्रैल के पहले सप्ताह तक पूर्ण होने की संभावना है।

मंडल संचालन समिति में कमिश्नर होंगे अध्यक्ष

अटल आवासीय विद्यालयों का संचालन शुरू होने के बाद छात्रों का चयन और स्कूलों का संचालन व निगरानी मंडल संचालन समिति के जरिए होगी। यह एक तरह से डिस्ट्रिक्ट लेवल मॉनीटरिंग कमेटी होगी जो जनपदों में प्रवेश प्रक्रिया को देखेगी। इस कमेटी में मंडल के कमिश्नर अध्यक्ष होंगे, जबकि डीएम उपाध्यक्ष होंगे। डिप्टी लेबर कमिश्नर सदस्य सचिव होंगे तो बीएसए, डीआईओएस, एडी बेसिक, नवोदय के प्रिंसिपल, अटल आवासीय विद्यालय के प्रिंसिपल एवं एडिशनल कमिश्नर फाइनेंस या चीफ ट्रेजरी ऑफिसर (कमिश्नर द्वारा नॉमिनेटेड) समिति के सदस्य होंगे।

गरीब छात्रों को मिलेगा सहारा

उत्तर प्रदेश में निर्माण श्रमिकों एवं गरीब बच्चों के लिए योगी सरकार ने अटल आवासीय विद्यालय योजना शुरू की है। कई निर्माण श्रमिकों की गरीबी और साधनहीनता के कारण उनके बच्चे स्कूलों में प्रवेश नहीं ले पाते हैं या प्रवेश लेने के बाद अपनी शिक्षा जारी नहीं रख पाते हैं। निर्माण-श्रमिकों के ऐसे बच्चों के लिए ही राज्य सरकार अटल आवासीय विद्यालय बना रही है।

पंजीकृत निर्माण-श्रमिकों के बच्चों को प्राथमिक,जूनियर हाईस्कूल एवं माध्यमिक स्तर की शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराते हुए उन्हें गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करना इस योजना का उद्देश्य है। सभी विद्यालय अत्याधुनिक शिक्षा देंगे, वहीं अगर किसी बच्चे की रुचि खेल में है तो स्पोर्ट्स गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्य किया जाएगा। अगर किसी बच्चे को पढ़ाई के इतर किसी क्षेत्र में अपना हुनर दिखाने को कोई मंच चाहिए तो उसके लिए भी स्किल डेवलपमेंट के तहत इस संस्थान में उस प्रकार की सुविधा दी जाएगी। विद्यालय में रहने-खाने और सभी प्रकार की सुविधाओं की व्यवस्था शासन द्वारा की जाएगी।

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